आजम खान की रिहाई पर किसका नफा किसका नुकसान ?
आजम खान को तो जमानत मिल गयी, ऐसे में रिहाई के बाद ये देखने वाली बात होगी की क्या आजम खान सारे गिले शिकवे भुला कर सपा के साथ रहेंगे ?
आखिरकार 27 महीने बाद आजम खान को रिहाई मिल ही गयी, लेकिन सवाल अब ये उठता है की आजम खान की रिहाई के बाद किसको खुशी और किसके कलेजे पर सांप लोटने वाले हैं। कल यानि 19 मई को सुप्रीम कोर्ट ने आजम खां को अंतरिम जमानत दे दी, 80 से अधिक मामलों में आजम खान पिछले 26 महीने से सीतापुर जेल में बंद हैं। एक केस में जमानत मिलती तो दूसरा केस दायर हो जाता।
आजम खान ने अंतरिम जमानत:
इसके बाद आजम खान ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया जहां कल यानि मंगलवार को सुनवाई हुई थी और उन्हें अंतरिम जमानत मिल गयी। लेकिन आजम खान की रिहाई के दौरान एक तस्वीर जिसने सभी के मन में कहीं न कहीं सवाल उठा दिए है की भतीजे से नाराज चल रहे चाचा शिवपाल का आजम खान की रिहाई पर पहुंचना क्या समाजवादी पार्टी का वो कुनबा टूटने की एक आहट है जो कभी पार्टी की जीत का मंत्र माना जाता था। जेल में रहने के दौरान आजम खान ने शिवपाल यादव से लेकर कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णम तक से मुलाकात की, लेकिन सपा विधायक रविदास मल्होत्रा को बैरंग वापस कर दिया था।
शिवपाल यादव ने कहा:
ये सारी घटनाएं इस ओर इशारा कर रही है की आजम खान का समाजवादी पार्टी के साथ अब रिश्ता खत्म होने की कगार पर है। वहीँ आजम खान की रिहाई के बाद शिवपाल यादव ने कहा कि ‘ये आजम खान की जीत है। ये न्याय की जीत है। हम लोग समाजवादी हैं। हमेशा नेता जी से सीखा है कि सुख दुख में साथ रहना।
स्वागत एवं शुभकामनाएं। pic.twitter.com/7kcGQiqzDi
— Shivpal Singh Yadav (@shivpalsinghyad) May 20, 2022
अखिलेश यादव ने कहा:
इन सब के बाद इतने समय से शांत चल रहे सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी अब आजम खान की रिहाई पर चुप्पी तोड़ी है और ट्वीट कर लिखा –
सपा के वरिष्ठ नेता व विधायक मा. श्री आज़म ख़ान जी के जमानत पर रिहा होने पर उनका हार्दिक स्वागत है। जमानत के इस फ़ैसले से सर्वोच्च न्यायालय ने न्याय को नये मानक दिये हैं।पूरा ऐतबार है कि वो अन्य सभी झूठे मामलों-मुक़दमों में बाइज़्ज़त बरी होंगे।
झूठ के लम्हे होते हैं, सदियाँ नहीं!
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) May 20, 2022