इस बजट में क्या कुछ होगा ख़ास : वित्त मंत्रालय !
अब सरकार ने पहले से रेट काम करने का फैसला लिया है हालांकि अभी कच्चे तेल के दाम में इजाफे को लेकर चिंता बनी रहेगी।
सब्जियों के दाम असामना छू रहे थे आम आदमी ने इसी दर की वजह से टमाटर खाना छोड़ दिया था जिसकी वजह से इसका असर क्रेता विक्रेता दोनों पर पड़ा था साथ ही आम जनता सबसे ज्यादा टमाटर के दाम से परेशान थी टमाटर के भाव सोने की कीमत पर मिल रहे थे इसलिए गरीबो को या फिर जो नीचले दर के लोग है। उनको दिक्कतों का सामना करना पड़ा था ना सिर्फ सब्जियों में टमाटर के दाम बल्कि प्याज,टमाटर,बैगन इत्यादि अब सरकार ने पहले से रेट काम करने का फैसला लिया है हालांकि अभी कच्चे तेल के दाम में इजाफे को लेकर चिंता बनी रहेगी।
टमाटर के दाम से परेशान थी जनता
वित्त मंत्रालय के अधिकारिक बयान में कहा गया है कि कच्चा तेल 90 डॉलर प्रति बैरल तक बढ़ सकता है। अधिकारिक बयान में कहा गया है कि सरकार की उत्पाद शुल्क में कटौती की योजना नहीं है और सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश बढ़ा रही है। इसके अलावा, प्राइवेट सेक्टर के पूंजी निवेश में अभी तेजी आना बाकी है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का पूंजीगत व्यय जून तिमाही के अंत में बजट अनुमान का 28 फीसदी था, जो सितंबर के अंत तक 50 फीसदी तक पहुंच जाएगा।
सरकार ने दी बड़ी राहत
वहीं 2023-24 के बजट में पूंजी निवेश परिव्यय को 33 फीसदी से बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये कर दिया था। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारी ने कहा कि सरकार टमाटर और प्याज की कीमतों को कम करने के लिए कई प्रबंध किए हैं। जल्द ही इसके दाम से राहत मिलने की उम्मीद है। अधिकारी ने आगे कहा कि नई फसल के आने से टमाटर जैसी मौसमी फसलों की कीमतों से दबाव भी कम होगा। उन्होंने कहा कि सब्जियों के दाम बढ़ने से महंगाई में इजाफा हुआ है, लेकिन यह कुछ समय के लिए है और उम्मीद है कि अगले महीने से इसके दाम घट जाएंगे।
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