मानसून के मौसम में जल रोग है काफी आम इसलिए सतर्क रहने की ज़रूरत !

बारिश का मौसम स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को लेकर आता है, जिससे हम क्या खाते हैं, कैसे खाते हैं और कब खाते हैं, इस पर नज़र रखना ज़रूरी होता हैं

मानसून (Mansoon)आ गया है। जो हमें भीषण गर्मी से बड़ी राहत दिला रहा है। लेकिन सुखदायक राहत के अलावा, बारिश का मौसम स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को लेकर आता है, जिससे हम क्या खाते हैं, कैसे खाते हैं और कब खाते हैं, इस पर नज़र रखना बेहद ज़रूरी हो जाता है।मौसमी फ्लू और बुखार के अलावा, मानसून के मौसम में जल रोग काफी आम है। इसलिए सतर्क रहना समय की आवश्यकता बन जाती है। हमने इस मानसून खाने के कुछ तरीके तैयार किए हैं ।ताकि आप बिना बीमार हुए बारिश आनंद लेने से न चूकें।

सेवन करने से पहले धो लें

बारिश के मौसम में बैक्टीरिया और फंगस अक्सर सब्जियों और फलों, खासकर हरी पत्तेदार सब्जियों में रहते हैं। खाने से पहले अपने भोजन को ठीक से धोना बेहद जरूरी हो है। फल और सब्जियां खरीदते समय सावधान रहें। अगर आपको इनमें से किसी पर कोई कट नजर आता है तो खरीदने से बचें। मांस पकाने से पहले आपको अतिरिक्त सावधानी बरतने के लिए इसे गर्म पानी से से धोना चाहिए।

समुद्री भोजन सीमित करें

अगर आप पेसटेरियन हैं या समुद्री भोजन पसंद करने वाले व्यक्ति हैं, तो बारिश का मौसम आपके लिए बेकार साबित हो सकता है, क्योंकि आपको इस मानसून में समुद्री भोजन खाना छोड़ देना चाहिए। इसका कारण है कि बरसात के मौसम में पानी के दूषित होने का खतरा अधिक होता है। जो आसानी से जीवों को संक्रमण का वाहक बना देता है। इसलिए बारिश के दौरान समुद्री भोजन खाने से बचना सबसे अच्छा है।

कच्चा खाना खाने से बचें

कच्चा भोजन हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस का एक मेजबान हो सकता है। और इसलिए कच्चा या आधा पका हुआ भोजन खाने से बचना चाहिए। अपने मीट को ठीक से पकाते समय तापमान पर नजर रखना बेहद जरूरी है क्योंकि बारिश के मौसम में उस भोजन पर बैक्टीरिया और वायरस के जीवित रहने की संभावना अधिक होती है।

 

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