Vice President Election: NDA ने धनखड़ तो विपक्ष ने मार्गरेट अल्वा को बनाया उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार
6 अगस्त को होगा उपराष्ट्रपति पद का चुनाव, जानिए कौन है NDA और विपक्षी दल की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा
उपराष्ट्रपति(Vice President Election) पद के चुनाव के लिए एनडीए की ओर से पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ उम्मीदवार होंगे. तो वहीँ एनडीए के एलान करने के एक दिन बाद विपक्ष ने भी उपराष्ट्रपति पद के लिए अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है. विपक्ष की राष्ट्रपति उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा होंगी. विपक्ष की सभी पार्टियों की मींटिग के बाद एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने मार्गरेट अल्वा के नाम की घोषणा की है.
जगदीप धनखड़ ही क्यों –
बीजेपी संसदीय दल की बैठक के बाद पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उनके नाम का ऐलान किया है. जेपी नड्डा ने कहा कि ‘किसान पुत्र’ जगदीप धनखड़ एनडीए की ओर से उम्मीदवार होंगे. जगदीप धनखड़ को इस पद के लिए उम्मीदवार बनाने के पीछे भी कई पहलू हैं. जगदीप धनखड़ राजस्थान के जाट समुदाय से हैं। जगदीप धनखड़ ने राजस्थान में जाटों को आरक्षण देने में अहम भूमिका निभाई थी। इसी के साथ बीजेपी ने जाट वोट बैंक को अपनी ओर खींचने की कोशिश की है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ-साथ अपने बयानों और ’36 आंकड़ों’ के लिए मशहूर जगदीप धनखड़ राजनीति के खिलाड़ी हैं. वर्ष 1989 में वे जनता दल से पहली बार सांसद चुने गए और चंद्रशेखर की सरकार में संसदीय कार्य मंत्री की जिम्मेदारी संभाली हैं। इसके बाद वे विधायक भी चुने गए।जगदीप धनखड़ का राजनीतिक करियर करीब 30 साल का है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा ,’किसान पुत्र जगदीप धनखड़ अपनी विनम्रता के लिए जाने जाते हैं. वह संविधान के जानकार हैं. उन्हें कार्यों का पूरा ज्ञान है. वह राज्यपाल हैं. उन्होंने हमेशा किसानों, युवाओं, महिलाओं और वंचितों की भलाई के लिए काम किया है. खुशी है कि वह हमारे उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हैं. मुझे विश्वास है कि वह राज्यसभा के सभापति के तौर पर देश को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से सदन की कार्यवाही का मार्गदर्शन करेंगे.’
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विपक्ष की उपराष्ट्रपति उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा –
शरद पवार के आवास पर हुई बैठक में कांग्रेस, वाम दल, राजद, समाजवादी पार्टी सहित सभी प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया और 6 अगस्त को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव(Vice President Election) के लिए उम्मीदवार का एलान कर दिया। 1984 की राजीव गाँधी सरकार में श्रीमती आल्वा को संसदीय मामलों का केन्द्रीय राज्य मंत्री बनाया गया। बाद में आप मानव संसाधन विकास मंत्रालय में युवा मामले तथा खेल, महिला एवं बाल विकास के प्रभारी मंत्री के दायित्व का निर्वाह किया।
1991 में कार्मिक, पेंशन, जन परिवेदना तथा प्रशासनिक सुधार (प्रधानमंत्री से सम्बद्ध) की केंद्रीय राज्य मंत्री बनायी गयीं, जहाँ आपने शासन को जनसामान्य तक पहुंचाने और प्रशासन के विकेंद्रीकरण की प्रक्रिया को आरंभ किया। कुछ समय के लिए विज्ञान एवं तकनीकी मंत्री के रूप में सेवाएँ दीं।अल्वा कई राजस्थान, गोवा समेत कई राज्यों की राज्यपाल रह चुकी हैं।