Two Finger Test: ‘टू फिंगर टेस्ट’ करने वालों की अब खैर नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक !
'टू फिंगर टेस्ट’ (Two Finger Test) मामले में सुप्रीम कोर्ट से बड़ी खबर सामने आ रही है। इस दौरान दुष्कर्म पीड़िताओं के टू-फिंगर टेस्ट पर सुप्रीम कोर्ट ने गहरी नाराजगी जताई है।
‘टू फिंगर टेस्ट’ (Two Finger Test) मामले में सुप्रीम कोर्ट से बड़ी खबर सामने आ रही है। इस दौरान दुष्कर्म पीड़िताओं के टू-फिंगर टेस्ट पर सुप्रीम कोर्ट ने गहरी नाराजगी जताई है। बता दें कि इस मामले की सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत का कहना है कि, टू फिंगर टेस्ट रेप पीड़िताओं के लिए दोबारा आघात है। सूत्रों के मुताबिक कोर्ट का कहना है कि, ऐसा करने वालों को दोषी माना जायेगा।
टू-फिंगर टेस्ट पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक
ऐसे में अफसोस की बात यह है कि ‘टू फिंगर टेस्ट’ आज भी किया जा रहा है। जस्टिस चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली एक पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा, इस अदालत ने बार-बार बलात्कार और यौन उत्पीड़न के मामलों में इस टेस्ट के इस्तेमाल की निंदा की है। इस परीक्षण का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है।
- टू-फिंगर टेस्ट में पीड़िता के प्राइवेट पार्ट में उसकी वर्जिनिटी टेस्ट की जाती है।
- यह टेस्ट इसलिए किया जाता है कि महिला के साथ शारीरिक संबंध बने थे या नहीं।
मुख्य सूचना
- बलात्कार के मामलों में टू-फिंगर टेस्ट करने वाले व्यक्ति कदाचार के दोषी होंगे।
- इसके साथ ही कोर्ट ने मेडिकल कॉलेजों में अध्ययन सामग्री से इस टेस्ट को हटाने के भी निर्देश जारी किए।
- टू फिंगर टेस्ट इस पितृसत्तात्मक सोच पर आधारित है।
- सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (31 अक्टूबर) को बलात्कार के मामलों में “टू-फिंगर टेस्ट” करने पर रोक लगा दी है।
- कोर्ट ने आरोपी को बरी करने के हाईकोर्ट के आदेश को पलट दिया है।
- बलात्कार पीड़िता की जांच की अवैज्ञानिक विधि यौन उत्पीड़न वाली महिला को फिर से आघात पहुंचाती है।
- SC ने HC के बरी करने के आदेश को पलट दिया है।
- बलात्कार हत्या के मामले में व्यक्ति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
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