क्या पकिस्तान की आवाम को झेलना पड़ सकता है बड़ा संकट ?
आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था मुश्किल दौर से गुजर रही है। पाक सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 में पाकिस्तान की आर्थिक वृद्धि दर सिर्फ 0.29 फीसदी और मुद्रास्फीति के लगभग 29 फीसदी पहुंच जाने का अनुमान जताया है।

भारत का पड़ोसी देश पाकिस्तान जो हमेशा से ही अपने खुद के जंजालो में फंस जाता है पकिस्तान की आर्थिक स्तिथि बहुत ही ख़राब चल रही है लोगो को अपने खाने के लिए व्यवस्था करनी पड़ रही है भुकमरी की हालत को देखकर पकिस्तान के लोग घबरा रहे है की आखिर आने वाले समय में पाकिस्तान की आवाम और किन किन चीजों के लिए तरसेगी। आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था मुश्किल दौर से गुजर रही है। पाक सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 में पाकिस्तान की आर्थिक वृद्धि दर सिर्फ 0.29 फीसदी और मुद्रास्फीति के लगभग 29 फीसदी पहुंच जाने का अनुमान जताया है।
पाकिस्तान की बिगड़ी आर्थिक स्तिथि
पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने गुरुवार (8 जून) को वित्त वर्ष 2022-23 का आर्थिक सर्वेक्षण पेश करते हुए यह संभावना जताई। इस सर्वेक्षण में 30 जून को खत्म हो रहे वित्त वर्ष में राजनीतिक अस्थिरता और पाकिस्तान में आए भीषण बाढ़ के बीच सरकार की उपलब्धियों का लेखा-जोखा पेश किया गया है। आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार चालू वित्त वर्ष में पाकिस्तान की जीडीपी (सकल उत्पाद वृद्धि) दर पांच फीसदी के लक्ष्य से बहुत पीछे सिर्फ 0.29 फीसदी रही। इसमें कृषि में 1.55 फीसदी, उद्योग में 2.94 फीसदी और सेवा क्षेत्र में 0.86 फीसदी जीडीपी वृद्धि दर रही।
आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार
सर्वेक्षण के अनुसार, पाकिस्तान में जुलाई 2022 से लेकर मई 2023 तक मुद्रास्फीति 29.2 फीसदी रही, जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 11 फीसदी रही थी. चालू वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति का लक्ष्य 11.5 फीसदी रखा गया था। फेडरल राजस्व बोर्ड (FBR) ने जुलाई 2022 से अप्रैल 2023 तक 5,637.9 अरब रुपये का टैक्स कलेक्ट किया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष के 4,855.8 अरब रुपये की तुलना में 16.1 फीसदी अधिक है।
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