# राजनीति : कुछ ऐसा रहेगा साइकिल का सफर !

उत्तर प्रदेश की सत्ता की दौड़ में सपा की साइकिल ने 2017 के मुकाबले 2022 में काफी तेज़ी से दौड़ी लेकिन बहुमत का पाला नहीं छू पाई

यूपी विधानसभा 2022 का चुनाव इस बार समाजवादी पार्टी के लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण था। केंद्र में लगभग आठ सालों से व प्रदेश में पांच सालों से काबिज भारतीय जनता पार्टी जैसी मजबूत पार्टी ( party ) को टक्कर देना बड़ी चुनौती थी। 2017 के चुनाव में करारी हार के बाद दोबारा एक मजबूत विपक्ष के रूप में सपा ने इसबार खुद को साबित कर दिया।

जनाधार को ऐसे देंगे धार

इस बात में कोई दो राय नहीं है कि इसबार अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी ने 2012 व 2017 के मुकाबले सबसे ज्यादा 2022 में करीब 30 फीसदी से अधिक जनता का मत प्राप्त हुआ है। मतलब इस बार भारतीय जनता पार्टी से 9 फीसदी कम वोट पाने वाली सपा सबसे बड़े विपक्ष के रूप में सामने आई है। अब इतने भारी बहुमत को सपा को अखिलेश यादव जरूर 2024 में एक नई दिशा दे सकते है।

लोकसभा या विधानसभा

सपा प्रमुख अखिलेश यादव इस समय आजमगढ़ के सांसद है तो वहीं इस बार वो प्रदेश की करहल विधानसभा क्षेत्र से विधायक भी चुने गए है। अब देखना ये दिलचस्प होगा की पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव विधायक पद की सपथ लेते हैं या आगामी केंद्र के चुनावों को देखते हुए वो सांसद ही बने रहते है। बता दें की इस बार आजमगढ़ की सभी दस सीटों पर सपा ने कब्जा किया है।

कुल मिलाकर देखा जाए तो भारतीय जनता पार्टी के लिए देश व खासकर प्रदेश में इस बार अखिलेश यादव एक मजबूत विपक्ष के रूप में उभरे है। अब अखिलेश अपनी इस छवि से कैसे जनता के मुद्दों को सरकार व प्रशासन तक पहुंचाते है ये देखने वाली बात होगी।

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