बेबी की हिचकी के बारे में चिंतित हैं? एक नज़र इस खबर पर!
हिचकी से बचने के लिए नवजात शिशुओं को कम मात्रा में दूध पिलाएं को हिचकी आने के पीछे कई कारण हो सकते है बच्चे जल्दबाजी में खाना खा लेते हैं
हिचकी बच्चों सहित किसी को भी हो सकती है। जबकि वयस्क हिचकी (hichki) लेते समय आराम से रह सकते हैं लेकिन जब उनके बच्चे को हिचकी आने लगती है। तो वे चिंतित हो जाते हैं। एक मिथ यह भी है कि अगर किसी को हिचकी आ रही है।तो इसका मतलब है किकोई व्यक्ति उन्हें पूरे दिल से याद कर रहा है। हालाँकि इसके पीछे कोई सिद्ध वैज्ञानिक कारण नहीं है।
पैदा होने से पहले ही हिचकी आने लगती है
वेरवेल परिवार के अनुसार बच्चों को हिचकी आना सामान्य बात है। जानकारों के मुताबिक हिचकी तब शुरू होती है।जब दिमाग कोडायफ्राम से जोड़ने वाली नस कई अलग–अलग चीजों की वजह से बंद हो जाती है।बच्चों को पैदा होने से पहले ही हिचकी आने लगतीहै। शोधकर्ताओं के मुताबिक, नवजात शिशु चौबीस घंटे का करीब ढाई फीसदी हिस्सा हिचकी में गुजारते हैं। जैसे–जैसे बच्चे बड़े होतेहैं, हिचकी की समस्या कम होने लगती है।
हिचकी आने के क्या कारण हैं?
बच्चों को हिचकी आने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। यदि बच्चे को अधिक मात्रा में दूध पिलाया जाता है। तो उसका पेट फूलनेलगता है और डायफ्राम अचानक फैलने लगता है या सूज जाता है। कई बार हिचकी आने का कारण यह होता है। कई बार बच्चेजल्दबाजी में खाना खा लेते हैं। जिससे खाना खाने की नली में फंस जाता है। हिचकी आने का एक कारण यह भी है।
बच्चों में हिचकी को कैसे रोकें?
1. आमतौर पर हिचकी अपने आप और समय के साथ बंद हो जाती है।
2. बच्चे को कम मात्रा में खिलाएं और उसे ज्यादा न खिलाएं।
3. अगर हिचकी बंद नहीं हो रही है। तो इनके मुंह में थोड़ी चीनी डाल दें। इससे हिचकी आने से बचेगी।
4. दूध या कोई भी तरल पीते समय बच्चे को सीधा बैठाएं न कि मुड़ी हुई स्थिति में।