बिटकॉइन के जरिए हो रही टेरर फंडिंग, छापेमारी के दौरान अहम दस्तावेज हुए बरामद !

जम्मू-कश्मीर के मेंढर, पुंछ, बारामूला, कुपवाड़ा और हंदवाड़ा जिलों में संदिग्धों के आवास परिसरों की तलाशी ली गई

जम्मू-कश्मीर पुलिस की राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) ने बुधवार को बिटकॉइन कारोबार के मामले में जम्मू-कश्मीर में कई जगहों पर छापेमारी की है। जम्मू-कश्मीर के मेंढर, पुंछ, बारामूला, कुपवाड़ा और हंदवाड़ा जिलों में संदिग्धों के आवास परिसरों की तलाशी ली गई।

मामला बिटकॉइन ट्रेड के जरिए आतंकी फंडिंग से जुड़ा

छापेमारी के दौरान जांच एजेंसी की टीम ने डिजिटल उपकरण, सिम कार्ड, मोबाइल फोन और कई अहम दस्तावेज बरामद किए हैं। यह छापेमारी काउंटर इंटेलिजेंस थाने में यूएपीए के तहत दर्ज प्राथमिकी के आधार पर की गई है। टीम द्वारा बरामद किए गए सबूतों का विश्लेषण करने के बाद ही संदिग्धों से पूछताछ की जाएगी। यह पूरा मामला बिटकॉइन ट्रेड के जरिए आतंकी फंडिंग से जुड़ा है।

पाकिस्तानी मास्टरमाइंड की पहचान कर ली गई

पुलिस शुरुआती चरण में जिन विवरणों की जांच कर रही है, उनमें पाकिस्तान का एक मास्टरमाइंड भी शामिल है। यह मास्टरमाइंड पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी और प्रतिबंधित आतंकी संगठनों की मिलीभगत से जम्मू-कश्मीर में अपने एजेंटों को पैसे भेज रहा है। इस पैसे का इस्तेमाल जम्मू-कश्मीर में सामूहिक हिंसा और आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर में बड़े पैमाने पर हिंसा और आतंकवादी गतिविधियों के पीछे पाकिस्तानी मास्टरमाइंड की पहचान कर ली गई है। हालांकि पुलिस ने फिलहाल उसकी जानकारी गोपनीय रखी है।

घरों की तलाशी ली गई

बुधवार को जिन घरों की तलाशी ली गई। उनमें कुपवाड़ा जिले के हाजिनाका मनीगाह हाहामा क्षेत्र की जाहिदा बानो, कुपवाड़ा में लोन हरि के गुलाम मुजतबा दीदार, हंदवाड़ा की तमजीदा बेगम, दीवान बाग बारामूला के यासिर अहमद मीर, त्रांजपोरा बारामूला के मोहम्मद शामिल हैं। सैयद मसूदी, गगेरियन मंडी पंच के फारूक अहमद और मेंढर के इमरान चौधरी।

मामले की शुरुआती जांच में इस बात के सबूत सामने आए हैं कि पाकिस्तान से पैसा इन लोगों तक पहुंचा है। बिटकॉइन के रूप में अलग-अलग खातों के जरिए पैसा भेजा गया है ताकि जांच एजेंसी यह पता नहीं लगा सके कि यह पैसा कहां से आया है।

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