मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव के लिए सपा ने शिवपाल को बनाया स्टार प्रचारक !

शिवपाल, आजम, जया बच्चन समेत 34 स्टार प्रचारकों की सूची चुनाव आयोग को भेजी

मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव के लिए समाजवादी पार्टी ने शिवपाल यादव, आजम खां, जया बच्चन समेत 34 स्टार प्रचारकों की सूची चुनाव आयोग को भेजी है। जातीय समीकरणों को देखते हुए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस सूची में यादव बिरादरी के 8 नेताओं को रखा है।

आजम खां भी प्रचार के लिए मैदान में उतरेंगे।

मैनपुरी की चुनावी जंग में भाजपा ने जहां शिवपाल यादव के करीबी रघुराज शाक्य को उतार दिया है, तो वहीं सपा ने शिवपाल यादव को स्टार प्रचारक की सूची में शामिल कर नया दांव चल लिया है। इसे शिवपाल की नाराजगी को दूर करने की कोशिश माना जा रहा है।मैनपुरी में पिछड़ी जातियों के सभी प्रमुख नेताओं को मैदान में प्रचार के लिए उतारा जाएगा। ब्राह्मण व क्षत्रिए नेताओं को भी स्टार प्रचारक बनाया गया है। आजम खां भी प्रचार के लिए मैदान में उतरेंगे। सूची में राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, रामगोपाल यादव, किरमयनंदा, आजम खां, जया बच्चन, नरेश उत्तम पटेल, शिवपाल यादव, माता प्रसाद पांडेय व स्वामी प्रसाद मौर्य मनोज पांडेय व जूही सिंह प्रमुख हैं। परिवार से धर्मेंद्र यादव व तेज प्रताप यादव भी शामिल हैं।

सपा में मान सम्मान नहीं

मैनपुरी से विधायक अरविंद यादव व जिलाध्यक्ष आलोक शाक्य भी हैं। यह सभी नेता किसी न किसी रूप में मुलायम सिंह यादव के साथ काम कर चुके हैं। वहीं शिवपाल यादव की शिकायत रही है कि सपा में उन्हें मान सम्मान नहीं दिया जा रहा। उन्हें सपा के कार्यक्रमों में नहीं बुलाया जाता। सपा स्टार प्रचारक बना कर शिवपाल को इधर-उधर भटकने न देने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। अब जबकि उनके करीबी भाजपा प्रत्याशी के तौर पर मैदान में हैं, तो शिवपाल के लिए धर्मसंकट भी खड़ा हो गया है।

सपा में आगे की राह आसान नहीं

अगर वह सपा विधायक रहते और सपा के स्टार प्रचारक रहते हुए अब सपा के लिए नहीं निकलना चाहेंगे तो उन्हें कोई दूसरा रास्ता तलाशना होगा। अगर वह सपा का प्रचार करते हैं तो भी उनके लिए सपा में आगे की राह आसान नहीं होगी। अगर भाजपा मैनपुरी जीत जाती है तो सपा हार के तमाम कारणों में एक कारण स्टार प्रचारक का असहयोग भी बताने से नहीं चूकेगी। वैसे मैनपुरी के चुनाव में जसवंत नगर की सीट पर डिंपल को बढ़त मिलती है या रघुराज शाक्य को? इस पर भी शिवपाल के असर का आकलन होगा।

शिवपाल यादव स्टार प्रचारक की सूची में शामिल नहीं

शिवपाल यादव भले ही सपा विधायक हों, लेकिन उन्हें इस साल हुए रामपुर व आजमगढ़ के लोकसभा उपचुनाव व गोलागोकर्ण विधानसभा उपचुनाव से उन्हें दूर रखा गया था। सपा ने उन्हें इन चुनावों में उन्हें स्टार प्रचारक की सूची में शामिल नहीं किया था। अखिलेश के सपा अध्यक्ष रहते शिवपाल दूसरी बार साइकिल से विधायक बने। इस साल विधानसभा चुनाव प्रचार में सपा उन्हें साथ ले आई लेकिन नतीजे आने के बाद उन्हें सपा विधानमंडल दल की बैठक में नहीं बुलाया गया। इसके बाद शिवपाल ने कहा कि अब सपा से कोई समझौता नहीं होगा।

डिंपल यादव बनाम रघुराज शाक्य की आमने-सामने की जंग में अब शिवपाल यादव की खामोशी अहम भूमिका निभाएगी। उनके सामने एक धर्मसंकट भी है। वह सीधे तौर पर डिंपल यादव का विरोध करते नहीं दिखेंगे लेकिन भीतरखाने वह अपने समर्थकों को क्या संदेश देंगे यह देखने की बात होगी।

 

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