# यूपी मतदान : अपनों को अपनों के ख़िलाफ खड़ा करता ” ये चौथा चरण ” ! जानिए कैसे

कोई रूठकर तो कोई टूटकर पहुंचा है दूसरें पाले में , क्या जनता बना पायेगी इन लोगों को अपना ?

उत्तर प्रदेश की विधानसभा चुनाव ( election ) का कल चौथा चरण है। प्रदेश की सियासत की नज़र से ये चरण कई मायनो में महत्वपूर्ण है। ऐसा इसलिए क्योंकि एक ओर जहाँ ये चरण अपने लगभग आधे मुकाम पर संपन्न होगा। तो वही दूसरी ओर इस मतदान में अपनी पार्टी ने खफा होकर निकले कई नेता कल यानि 23 फरवरी को 9 जिलों में होने वाले चुनाव में प्रत्याशी बनकर उतरे है।

गठबंधन ने डाला रिश्तों में गांठ

अगर सबसे ज्यादा अपनों से खुद को चुनौती है तो वो समाजवादी पार्टी को है। क्योंकि इस बार सपा राष्ट्रीय लोक दल के साथ गठबंधन में हैं। ऐसे में समझौते के चलते सपा ने कई सीटों को आरएलडी के खाते में दे दिया है। इस स्थिति में कई सालों से अधिक समय से पार्टी के लिए काम कर रहे नेताओं को मायूसी झेलनी पड़ी है।

सपा से बिछड़कर इनका हाँथ थामा

श्रावस्ती सीट पर पूर्व विधायक मो. रमजान सपा से बगावत कर चुनाव मैदान में हैं। इसके अलावा लखनऊ में बख्शी का तालाब सीट से राजेंद्र यादव व मलिहाबाद में सीएल वर्मा भी सपा से बागी होकर अब निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। देवरिया की रुद्रपुर सीट से सपा ने पहले प्रदीप यादव को टिकट दिया फिर उनका टिकट काटकर रामभुआल निषाद को प्रत्याशी बना दिया। अब प्रदीप यादव सपा के खिलाफ निर्दलीय तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं।

ये भी चले अपने रास्ते

वहीं रामकोला से शंभू चौधरी टिकट भी अपनी उम्मीद पूरी ना होती देख कांग्रेस के उम्मीदवार बन गए हैं। वहीं कुशीनगर जिले की खड्डा सीट से भी विजय प्रताप कुशवाहा ने सपा से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। गोरखपुर जिले की सहजनवा सीट से मनोज यादव सपा टिकट की उम्मीद में थे। लेकिन टिकट न मिलने पर अब वो कांग्रेस से चुनाव लड़ रहे हैं।

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