भारत में हरित क्रांति के जनक एम एस स्वामीनाथन का हुआ निधन !

स्वामीनाथन को भारत में हरित क्रांति का जनक माना जाता है।हरित क्रांति एक ऐसी क्रांति को कहा जाता है जिसका सम्बन्ध कृषि क्षेत्र में रासायनिक तथा बीज के अत्यधिक उत्पादन से तीव्र वृद्धि करना।

भारत के प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन का निधन गुरुवार को हो गया। उन्होंने चेन्नई में सुबह 11.20 बजे अंतिम सांस ली। स्वामीनाथ ने 98 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया। स्वामीनाथन को भारत में हरित क्रांति का जनक माना जाता है।हरित क्रांति एक ऐसी क्रांति को कहा जाता है जिसका सम्बन्ध कृषि क्षेत्र में रासायनिक तथा बीज के अत्यधिक उत्पादन से तीव्र वृद्धि करना।

ms swaminathan

भारत में हरित क्रांति की शुरुआत सन (1966-1967) में हुई थी। जिसे प्रोफेसर नॉरमन बोरलॉग द्वारा शुरू किया गया था। भारत कृषि प्रधान देश है। लेकिन इसके अकाल और सूखा की वजह से कई सालों तक यहां भुखमरी के हालात पैदा हुए। ऐसा माना जाने लगा कि कृषि प्रधान देश में भुखमरी से कभी निजात नहीं मिल पाएगा।

98 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

हरित क्रांति के जनक एम एस स्वामीनाथन का निधन, 98 साल की उम्र में ली अंतिम सांस - indias green revolution father ms swaminathan passes away at age of 98 -

स्वामीनाथन को भारत में हरित क्रांति का जनक माना जाता है

लेकिन एम एस स्वामीनाथन ने देश की इस समस्या को पहचाना और इसका समाधान भी निकाला। उन्होंने सबसे पहले गेंहू की एक बेहतरीन किस्म की पहचान की। ये मैक्सिकन गेहूं की एक किस्म थी। उनके इस कदम के बाद भारत में भुखमरी की समस्या खत्म हुई। गेंहू उत्पादन में भारत आत्मनिर्भर बना। यही वजह है कि स्वामीनाथन को हरित क्रांति का जनक माना जाता है।

 

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