आगरा-मथुरा में भी मस्जिदों की हो जांच, देवकीनंदन बोले- सर्वे से सामने आएगी ज्ञानवापी की सच्चाई !
एएसआई को वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के पास ज्ञानवापी मस्जिद मामले में सर्वेक्षण करने की अनुमति दे दी।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने गुरुवार को एएसआई को वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के पास ज्ञानवापी मस्जिद मामले में सर्वेक्षण करने की अनुमति दे दी। फैसले को लेकर हिंदुओं में काफी हर्ष और उल्लास है। हाईकोर्ट ने एएसआई सर्वेक्षण का आदेश दिया है, जिसके बाद संत-महंत विद्वानों के बीच फैसले का स्वागत किया जा रहा है। सभी एक-दूसरे को बधाई भी दे रहे हैं. इस मामले में सुप्रसिद्ध भागवत कथावाचक ठाकुर देवकीनंदन महाराज ने भी अपना बयान दिया है।
ज्ञानवापी मस्जिद पर एएसआई सर्वे के आदेश का स्वागत किया
अंतरराष्ट्रीय भागवत प्रवक्ता ठाकुर देवकीनंदन महाराज ने ज्ञानवापी मस्जिद पर एएसआई सर्वे के आदेश का स्वागत किया है। उन्होंने कहा है कि एएसआई सर्वे का आदेश देकर सत्य की जीत हुई है. उन्होंने आगे कहा कि जिस तरह से मुस्लिम आक्रांताओं ने हिंदू मंदिरों को तोड़ा है, उसे देखते हुए यह फैसला स्वागत योग्य है. साथ ही ये हमारे मंदिर के अपमान का भी जवाब है। ज्ञानवापी मस्जिद की तरह, मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि में भी हिंदू वास्तुकला के प्रमाण हैं। जिस पर जल्द ही एएसआई सर्वे का आदेश दिया जाएगा और उसे भी सबके सामने लाया जाएगा।
हिंदू संगठनों ने इस फैसले का स्वागत किया है
बता दें कि ठाकुर देवकीनंदन महाराज फिलहाल एक करोड़ 25 लाख शिवलिंग बनाने का अनुष्ठान कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस समय अधिक श्रावण मास चल रहा है, ऐसे में भगवान शिव भी यही चाह रहे हैं कि यह जल्द आए, जिसके चलते यह फैसला लिया गया है. हिंदू संगठन अखिल भारत हिंदू महासभा और श्री कृष्ण जन्मभूमि संघर्ष न्यास समिति के अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने कहा कि हम हाई कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं।
सर्वे से सच्चाई सामने आ जायेगी
हाई कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले को हिंदू संगठनों ने काफी अहम माना है. उन्होंने कहा कि यह सनातन हिंदुओं की जीत का एक और क्रम है. अब जल्द ही ज्ञानवापी मस्जिद की सच्चाई सबके सामने आ जाएगी और हमें उम्मीद है कि एक बार फिर भगवान शिव का मंदिर भव्य रूप से बनेगा। ज्ञानवापी मस्जिद में एएसआई सर्वे के आदेश के बाद वृन्दावन के संतों ने भी एक-दूसरे को बधाई दी और कहा कि यह सच्चाई की जीत है।
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