पाकिस्तान और चीन के विदेश मंत्रियों के बीच हुई बैठक, छिड़ा कश्मीर का मुद्दा
पाकिस्तान की स्तिथि आर्थिक रूप से इस वक्त काफी बत्तर हो चुकी है इसी वजह से पाकिस्तान में भूखमरी छाई हुई है और पाकिस्तान की जनता इस समस्या से निकलना चाहती है

पाकिस्तान की स्तिथि आर्थिक रूप से इस वक्त काफी बत्तर हो चुकी है इसी वजह से पाकिस्तान में भूखमरी छाई हुई है और पाकिस्तान की जनता इस समस्या से निकलना चाहती है लेकिन जब पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ही नजरंदाज कर रहे है परिस्तिथियो को जानते हुए भी तो फिर पाकिस्तान की अवाम तो सिर्फ हल्ला बोल सकती है भारत से चीन और पाकिस्तान का छत्तीस का आंकड़ा रहता है और इसी के चलते पाकिस्तान हमेशा कश्मीर को पाकिस्तानी मुल्क बताने में लगा रहता है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कसा तंज
आपको हम बता दे की पाकिस्तान और चीन के विदेश मंत्रियों ने शनिवार को सयुक्त बयान में कश्मीर का जिक्र किया और बिलावल भुट्टो जरदारी के निमंत्रण पर चीन के विदेश मंत्री किंग गैंग ने पाकिस्तान की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा की 6 को दोनो मंत्रियों ने इस्लामाबाद में बैठक की बीते दिन पहले भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान पर तंज कसते हुए कहा था कि जम्मू कश्मीर भारत का एक अभिन्न अंग था, है और रहेगा।
संवादाता सम्मेलन में भारत के विदेश मंत्री जय शंकर ने किया स्पष्ट?
चीन ने कहा कश्मीर विवाद को भारत और पाकिस्तान के बीच ही रहने देना चाहिए और इसे संयुक्त राष्ट्र चार्टर प्रसांगिक सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और द्विपक्षीय समझौता के अनुसार ठीक से और शांति पूर्वक हल किया जाना चाहिए । विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि तथाकथित सीपी ईसी पर मुझे लगता है कि एससीओ की बैठक में एक बार नहीं बल्कि दो बार यह स्पष्ट किया गया था कि कनेक्टिविटी प्रगति के लिए अच्छी है लेकिन कनेक्टिविटी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन नहीं कर सकती।
बिलावल ने चीन की करी सराहना
इसके बाद बिलावल ने कहा कि संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में इस वर्ष सीपीईसी एक दशक पूरे कर रहा है जिसने पाकिस्तान में सामाजिक आर्थिक विकास रोजगार सर्जन और लोगों के जीवन स्तर को बेहतर किया है। चीन के सहयोग से बनाया जा रहा सीपीईसी 60 अरब डॉलर से बनाया जा रहा एक गलियारा है जो पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर पीओके से होकर गुजर रहा है। लेकिन भारत इसका विरोध कर रहा है क्योंकि कश्मीर चीन को पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में ग्वादर बंदरगाह से अरब सागर का रास्ता उपलब्ध करा रहा है।
बिलावल ने कहा कि यह गलियारा दुनिया भर के सभी निवेशकों के लिए हर तरफ से फायदे वाली आर्थिक पहल है उन्होंने कहा कि हम जम्मू कश्मीर विवाद पर सैद्धांतिक स्थिति सहित हमारे सभी मुद्दों पर चीन के दृढ़ समर्थन की सराहना करते हैं।