YouTuber मनीष कश्यप को SC की फटकार, ‘शांत राज्य में अस्थिरता नहीं फैला सकते’, राहत से इनकार !

सुप्रीम कोर्ट से YouTuber मनीष कश्यप (MANISH KASHYAP) को झटका लगा है। मनीष की ओर से एक याचिका दायर किया गया था

सुप्रीम कोर्ट से YouTuber मनीष कश्यप (MANISH KASHYAP) को झटका लगा है। मनीष की ओर से एक याचिका दायर किया गया था जिसमें बिहार और तमिलनाडु (TAMILNADU) में उनके खिलाफ दर्ज तीन FIR को मर्ज करने की मांग की गई थी। कोर्ट ने राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत उसकी हिरासत को रद्द करने की याचिका पर भी विचार करने से इनकार कर दिया और राहत के लिए हाईकोर्ट (HC) जाने का निर्देश दिया।

कश्यप ने मार्च में कर दिया था आत्मसमर्पण

मनीष कश्यप पर तमिलनाडु में बिहारी (BIHAR) प्रवासी कामगारों पर हमले दिखाने वाले एक फर्जी वीडियो (AKE VIDEO) को कथित रूप से प्रसारित करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत आरोप लगाया गया है। गिरफ्तारी के डर से, कश्यप ने मार्च में बिहार में चंपारण पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था , जब पुलिस की कई टीमें उसकी तलाश में थीं।

YouTuber के खिलाफ आरोपों को ध्यान में रखते हुए भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला की पीठ ने कहा कि आपके पास एक स्थिर राज्य है, तमिलनाडु जैसा राज्य। आप अराजकता फैलाने के लिए कुछ भी सर्कुलेट कर रहे हैं। हम इसपर विचार नहीं कर सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सुनवाई शुरू होते ही चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया चंद्रचूड़ की मौखिक टिप्पणी के साथ शुरू हुई। उन्होंने पूछा कि क्या करना है? आप नकली वीडियो बनाते हैं।

अदालत में कश्यप के वकील मनिंदर सिंह ने तर्क दिया कि उनके मुवक्किल ने उन वीडियो को समाचार पत्रों के लेखों और मीडिया रिपोर्टों के आधार पर बनाया था। लेकिन कश्यप के वकील के मुताबिक मुख्यधारा के उन अखबारों को भी NSA के तहत हिरासत में लिया जाना चाहिए।

 

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