केरल में बीजेपी के इकलौते सांसद सुरेश गोपी को इन दिनों अपने आला नेताओं का रवैया बिलकुल पसंद नहीं आ रहा है और इस वजह से वो बिलकुल बागी रुख में नजर आ रहे है, सुरेश गोपी का कहना है की फिल्मों में उनकी आत्मा बसती है और वो इसे कभी छोड़ना नहीं चाहते थे बल्कि वो तो कभी मंत्री बनना ही नहीं चाहते थे उन्होंने सिर्फ अपने पार्टी के नेताओं के फैसले के आगे सर झुकाया है क्योंकि उन्होंने कहा कि वे मुझे त्रिशूर के लोगों के लिए पद दे रहे हैं, जिन्होंने मुझे सत्ता में लाने के लिए वोट दिया है, न कि मेरे लिए. और मैंने हमेशा उसी फैसले का सम्मान किया है लेकिन फिल्में उनका जूनून है और वो इसके बिना मर जायेंगे।
केन्द्रीय कैबिनेट का हिस्सा है सुरेश गोपी
आपको बता दे सुरेश गोपी केंद्रीय पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस और पर्यटन राज्य मंत्री है। चुकी वो पहले एक अभिनेता रह चुके है ऐसे में फिल्म की स्क्रिप्ट सुनने के बाद कुल 20 से 22 फिल्में ऐसी थी जिसमे वो सच में काम करना चाहते है और इसके लिए उन्होंने हामी भी भर दी है।अपने पद पर रहते हुए उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह से फिल्मों में काम करने की अनुमति मांगी थी जिसपर अमित शाह ने पूछा की कितने फिल्मों में काम करने की अनुमति चाहिए तो जब जवाब में इन्होने 22 फिल्मों का नाम लिया तो अमित शाह ने अनुरोध पत्र को किनारे रख दिया लेकिन हाँ ये जरूर कहा की अनुमति दी जाएगी , सुरेश गोपी के मुताबिक वो फिल्म ‘ओट्टाकोम्बन’ की शूटिंग 6 सितम्बर से शुरू करेंगे और इस बीच अपने काम को सँभालने के लिए अपने साथ मंत्रालय से 3 या 4 अधिकारीयों को भी लाएंगे जो उन्हें मंत्री पद के तमाम काम सँभालने में मदद करेंगे, उनका कहना है की अनुमति तो उन्हें मिल ही जाएगी लेकिन अगर किसी परिस्थिति में बीजेपी के आला नेता उन्हें इसके लिए अनुमति नहीं देते है तो वो ख़ुशी ख़ुशी अपने पद का त्याग कर देंगे और वो खुदको बचा हुआ महसूस करेंगे क्यूंकि फिल्मों के बिना उनका जिन्दा रह पाना नामुमकिन है।अब देखना ये है की क्या बीजेपी की तरफ से इसके लिए उन्हें मंजूरी दी जाती है या फिर उन्हें उनके पद से हटा दिया जाता है ये आने वाले समय में ही पता चल पायेगा।
“त्रिशूर में अपने मतदाताओं को वक्त नहीं दे पा रहा”
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एक मंत्री के रूप में इस जिम्मेदारी के साथ वह त्रिशूर में अपने मतदाताओं को वक्त नहीं दे पा रहे हैं। उन्होंने कहा, “अगर मुझे मंत्री पद से मुक्त कर दिया जाता है, तो मैं अभिनय कर सकता हूं और अपने निर्वाचन क्षेत्र के मतदाताओं के साथ भी रह सकता हूं।” अपने करियर में 250 से अधिक फिल्में करने वाले गोपी ने 80 के दशक के मध्य में करियर की शुरुआत की थी। उन्हें ‘मलयालम के एंग्री यंग मैन’ के रूप में जाना जाता है। गोपी का राजनीति से रिश्ता चार बार मुख्यमंत्री रहे कांग्रेस के के. करुणाकरण के साथ उनकी नज़दीकियों के बाद शुरू हुआ। हालांकि, बाद में उन्होंने कांग्रेस को अलविदा कह दिया।
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