पूर्व मंत्री मोती सिंह ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अपनी ही सरकार को जमकर घेरा

पूर्व कैबिनेट मंत्री मोती सिंह ने कहा कि थानों और तहसीलों में ऐसा भ्रष्टाचार उन्होंने अपने चार दशक से ज्यादा के राजनैतिक जीवन में नहीं देखा। उन्होंने कहा कि प्रतापगढ़ जिले के थानों और तहसीलों का भ्रष्टाचार खत्म होना चाहिए, तभी मतदाताओं का असली सम्मान होगा।

प्रतापगढ़ : उत्तर प्रदेश राजनीति में लोकसभा चुनाव के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं. गठबंधन सहयोगियों के बाद अब बीजेपी के नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह ने योगी सरकार में भ्रष्टाचार पर सवाल खड़ा कर दिया. जिसके बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को भी सरकार पर हमले का मौका मिल गया। दरअसल प्रतापगढ़ जिले के पट्टी में मतदाता सम्मान समारोह के दौरान बीजेपी के पूर्व मंत्री मोती सिंह ने कहा कि मुझे कहने में ये संकोच भी नहीं है की मेरे राजनीतिक जीवन के 42 सालों में मैने तहसील और थानों में ऐसा भ्रष्टाचार नहीं देखा।

अफसरों की कार्यशैली पर भी आरोप

पूर्व मंत्री मोती सिंह ने अपनी पार्टी की सरकार में अफसरों की कार्यशैली पर भी जमकर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि बीजेपी कार्यकर्ताओं का सम्मान तभी होगा जब थानों और तहसीलों से भ्रष्टाचार खत्म किया जाएगा. हालांकि साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हमें अब 2027 विधानसभा चुनाव की तैयारी करनी चाहिए।

पूर्व कैबिनेट मंत्री मोती सिंह ने कसा तंज

उन्होंने कहा कि अपने 42 साल के राजनीतिक जीवन में ऐसा भ्रष्टाचार उन्होंने कभी नहीं देखा। आज तहसील और थानों में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार है। लोग कहीं भी रोके जा रहे हैं, बाइक रोककर चालान किया जा रहा है, और एक बल्ब ज्यादा जलाने पर मुकदमा हो रहा है। यह भ्रष्टाचार पूरे देश में हो रहा है, लेकिन सबसे ज्यादा प्रतापगढ़ में फैला हुआ है। सभी ब्लॉकों, तहसीलों और हर जगह भ्रष्टाचार व्याप्त है। जब तक यह खत्म नहीं होगा, लोगों का जीना मुश्किल हो जाएगा। प्रतापगढ़ जिले के एक समारोह में भाजपा नेता  पहुंचे थे, जहां उन्होंने भाजपा सरकार और जिले के प्रशासन पर तीखे आरोप लगाए।  उन्होंने कहा कि प्रतापगढ़ के थानों और तहसीलों का भ्रष्टाचार खत्म होना चाहिए, तभी मतदाताओं का असली सम्मान होगा। पुलिस चौराहों पर लोगों को रोककर पैसे लेकर छोड़ देती है। बिजली चोरी के लिए थाने बना दिए गए हैं, जहां वसूली हो रही है। एक बल्ब ज्यादा जलाने पर भी मुकदमा दर्ज हो रहा है। आने वाले समय में तहसील और थानों को घेरना पड़ेगा, इसमें कोई संकोच नहीं होना चाहिए। जब तहसील और थानों में भ्रष्टाचार खत्म होगा, तभी मतदाताओं का सम्मान होगा।

अखिलेश का तंज- कार्रवाई करने के लिए और कुछ सबूत चाहिए?

इस बयान के बाद विपक्ष के नेताओं ने तंज कसना शुरू कर दिया। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट पर लिखा कि भाजपा राज में तहसील और थाने के अभूतपूर्व रिकॉर्ड तोड़ भ्रष्टाचार पर भाजपा के लोग ही जब प्रमाणपत्र बाँट रहे हैं, तो क्या इस अकल्पनीय ‘भाजपाई भ्रष्टाचार’ पर कार्रवाई करने के लिए और कुछ सबूत चाहिए? अब देखते हैं बुलडोज़र किस ओर मुड़ता है।
इसके बाद अखिलेश यादव के ट्वीट पर रीट्वीट करते हुए लिखा,   सत्य है आज उत्तर प्रदेश में ऐसा कोई जिला नहीं बचा है जहां भ्रष्टाचार नहीं महा भ्रष्टाचारी हो रहा है गंगा सफाई के नाम पर रोजगार देने के नाम पर एफसीआई गोदाम के नाम पर आरटीओ के नाम पर खनन के नाम पर जमीन के नाम पर तहसील थाना ऐसा कोई ऑफिस नहीं बचा है जहां पर काम करने के लिए आम नागरिक को ₹100 से लेकर₹5 लाख रूपए तक रिश्वत देना पड़ रहा है।

कौन है मोती सिंह?

मोती सिंह बीजेपी के वरिष्ठ नेता है।  वह प्रतापगढ़ जिले के पट्टी विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। मोती सिंह 1990 में  प्रतापगढ़ जिले से उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य बने । मोती सिंह 1996 से 2007 तक उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य रहे , उन्होंने 1996, 2002, 2007 और 2017 के चुनाव जीते। 19 मार्च 2017 को उन्हें कैबिनेट मंत्री नियुक्त किया गया। विधानसभा 2022 मे समाजवादी पार्टी के राम सिंह पटेल के हाथो हार का सामना करना पड़ा।
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