#Share Market: भारतीय शेयर मार्केट ने बदला अपना रुख, जानें कितने करोड़ का निवेश किया !

शेयर मार्केट में कुछ दिनों से काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। जो शेयर मार्केट में इनवेस्टमेन्ट (Investment in Share Market) करते हैं उनके लिए खुश खबरी की बात है।

शेयर मार्केट (Share Market) में कुछ दिनों से काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। जो शेयर मार्केट में इनवेस्टमेन्ट (Investment in Share Market) करते हैं उनके लिए खुश खबरी की बात है। “विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों” (Foreign Portfolio Investors) ने अगस्त के पहले दो सप्ताह में ही भारतीय शेयरों (Indian stocks) में आक्रामक तरीके से खरीदारी की है। बता दें कि सिर्फ 10 ट्रेडिंग डे (Trading Day में विदेशी निवेशकों (foreign investors) ने भारतीय बाजार में 22,452 करोड़ रुपये का निवेश किया है।

आपको बता दें कि विदेशी “पोर्टफोलियो निवेशकों” (foreign portfolio investors) ने अगस्त के पहले दो सप्ताह के 10 कारोबारी दिन (Business Day)  में भारतीय शेयर बाजार (Indian stock market) में यह निवेश किया गया है। ऐसे में सभी लोग सोच रहें है ये अचानक कैसे हो सकता है। शेयर-धारको (Share Holders) के मुताबिक लंबे इंतज़ार के बाद विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर मार्केट (Indian stock market by foreign investors) का पूरा रुख बदलकर रख दिया है।

22,452 करोड़ रुपये का हुआ Investment

‘कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी शोध’ (Equity Research of Kotak Securities) श्रीकांत चौहान (Shrikant Chauhan) ने कहा है कि मुद्रास्फीति (Inflation) का लेकर चिंता दूर होने तथा केंद्रीय बैंकों द्वारा मौद्रिक रुख को सख्त किये जाने की वजह से आगे चलकर उभरते बाजारों में FPI (Foreign portfolio investment) के प्रवाह में और आपको सुधार देखने को मिलेगा। इस कारणवश विदेशी निवेशकों ने एक बार फिर से भारतीय Share Market में निवेश शुरू कर दिया है।

Share Market में काफी उतार चढ़ाव के बाद मुद्रा-स्फीति (Inflation) को लेकर सभी व्यापारियों के मन में काफी चिंताये बनीं रहती हैं। इस सिलसिले में इन्वेस्टमेंट कम होने की वजह से बीच में विदेशी निवेशकों (foreign investors) ने अगस्त के पहले दो सप्ताह में शेयर बाजारों में 22,452 करोड़ रुपये निवेश किया है। हैं। डिपॉजिटरी के आंकड़ों (Depository data) के अनुसार, इससे पहले जुलाई के पूरे महीने में FPI ने शेयरों में करीब 5,000 करोड़ रुपये डाले थे।

अमेरिका में मुद्रास्फीति का है निचला स्तर

वहीं अमेरिका में भी मुद्रास्फीति 40 साल के उच्चस्तर से घटकर जून में 8.5 फीसदी रह गई है। ‘अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व’ (US central bank Federal Reserve) आगे अपने मौद्रिक रुख को अधिक सख्त नहीं करने वाला है। रिपोर्ट्स के अनुसार ‘ट्रेडस्मार्ट के चेयरमैन विजय सिंघानिया’ (TradeSmart Chairman Vijay Singhania) का कहना है कि ‘‘ऊर्जा के दाम निचले स्तर पर रहते हैं और युद्ध के मोर्चे से कुछ हैरान करने वाली खबरें नहीं आती हैं, तो विदेशी फंड का प्रवाह जारी रहेगा’’

डिपॉजिटरी के आंकड़ों (Depository data के अनुसार, FPI (Foreign Portfolio Investors) ने एक से 12 अगस्त के दौरान शेयरों में शुद्ध रूप से 22,452 करोड़ रुपये का इन्वेस्टमेंट किया है। ऐसे में एफपीआई ने ऋण या बॉन्ड बाजार (Debt or Bond Market) में शुद्ध रूप से 1,747 करोड़ रुपये का निवेश किया है।

 

 

 

 

 

 

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