LUCKNOW: होमगार्ड में नौकरी देने का झांसा देकर चार युवतियों से सवा लाख वसूलने वाला फर्जी इंस्पेक्टर गिरफ्तार !
लखनऊ नाका पुलिस ने फर्जी इंस्पेक्टर को चारबाग मेट्रो पुल के पास से गिरफ्तार किया है। इसने होमगार्ड में नियुक्ति कराने का दावा किया था।
लखनऊ नाका पुलिस ने फर्जी इंस्पेक्टर को चारबाग मेट्रो पुल के पास से गिरफ्तार किया है। इसने होमगार्ड में नियुक्ति कराने का दावा किया था। पुलिस के मुताबिक आरोपी ने चार युवतियों की नौकरी लगवाने के बदले सवा लाख रुपये लिए थे। आरोपी ने होटल मालिकों को भी चेकिंग का झांसा देकर रुपये वसूले हैं।
चेकिंग के नाम पर वसूले थे रुपये
लिवाना होटल में हुए अग्निकाण्ड के बाद आरोपी ने चारबाग और नाका के कई होटलों में अग्निशमन उपकरण चेकिंग के नाम पर रुपये वसूले थे। चौक अकबरी गेट निवासी मो.फरीद नक्खास स्थित कुरैशी क्लीनिक पर काम करते हैं। पांच सितंबर को क्लीनिक पर देवरिया हरैया निवासी जमील अहमद पत्नी अमरीन सुल्ताना का इलाज कराने आया था। जमील ने क्राइम ब्रांच में तैनात इंस्पेक्टर के तौर पर परिचय दिया था। उसने फरीद से कहा कि होमगार्ड विभाग में महिलाओं की सीधी भर्ती होनी हैं। आसानी से नौकरी लग सकती है।
फर्जी वर्दी पहन कर ही आता जमील
फरीद के अनुसार जमील हमेशा इंस्पेक्टर की वर्दी पहन कर ही आता था। इस वजह से वह झांसे में फंस गया। फरीद की दो बहनें हैं। जिनकी नौकरी लगवाने के लिए बात तय की गई। फरीद के मुताबिक उसने करीब 85 हजार रुपये जमील को दिए। 23 सितंबर को फोन कर बलरामपुर अस्पताल बुलाया गया। जहां पर जमील के साथ मदेयगंज निवासी रानी मिली। फरीद के अनुसार उनके सामने ही दो युवतियों ने भी जमील के कहने पर 40 हजार रुपये दिए थे। फिर मेडिकल चेकअप कराने के बाद सभी को लौटा दिया गया।
शक होने पर पकड़ा गया आरोपी
आरोपी जमील अहमद ने गुरुवार को फरीद के नम्बर पर ट्रेन टिकट की डिटेल भेजी। फोन करने पर बताया कि तुम्हारी बहनों को ट्रेनिंग के लिए गोरखपुर ले जाना है। फरीद ने बहनों के साथ गोरखपुर जाने की बात कही। लेकिन जमील ने उन्हें ले जाने से इनकार कर दिया। पूछने पर कहा कि तुम्हारी बहनों के साथ दो युवतियां और हैं। जो ट्रेनिंग के लिए गोरखपुर जा रही है। फरीद ने शक होने पर नाका पुलिस से सम्पर्क किया। इसके बाद पीडि़त के जरिए से जमील अहमद को चारबाग बुलाकर पकड़ लिया।
दसवीं फेल है आरोपी
एसआई विनय मिश्रा के मुताबिक लिवाना होटल में हुए अग्निकाण्ड के बाद आरोपी ने चारबाग और नाका के कई होटलों में अग्निशमन उपकरण चेकिंग के नाम पर रुपये वसूले थे। इंस्पेक्टर बृजेश द्विवेदी के मुताबिक जमील दसवीं फेल है। वह दुबई की बुरका पेंट में काम करता था। करीब तीन माह पहले नौकरी छूट गई। इसके बाद वह लखनऊ आ गया। यहां पर मदेयगंज निवासी रानी से मुलाकात हुई। जिसके साथ मिल कर वह धोखाधड़ी करने लगा। पुलिस लाइन के पास से उसने इंस्पेक्टर की वर्दी खरीदी।
मानव तस्करी गिरोह से भी जुड़ा हो सकता है आरोपी
इंस्पेक्टर के मुताबिक युवतियों को महाराजगंज ले जाने के पीछे जमील की क्या मंशा थी। इस बारे में वह कुछ बता नहीं रहा है। अंदेशा है कि जमील मानव तस्करी गिरोह से भी जुड़ा हो सकता है। वहीं, जमील के साथ धोखाधड़ी में शामिल मदेयगंज निवासी रानी को भी पुलिस तलाश रही है।
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