डिप्टी सीएम का छापा: कारपोरेशन में पकड़ी 16.40 करोड़ की एक्सपायर्ड दवाएं !

उप मुख्यमंत्री ने गोदाम में उपलब्ध दवाओं का आडिट कराए जाने के निर्देश दिए। उन्हें जिस तरह दवाओं के पैकेट बिखरे मिले और दवाइयां इत्यादि मिली..

लखनऊ। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने शुक्रवार को राजधानी के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित उप्र मेडिकल सप्लाइज कारपोरेशन लिमिटेड के वेयर हाउस में गुपचुप तरीके से छापा मारा। मंत्री ने मौके पर 16.40 करोड़ रुपये की एक्सपायर्ड दवाएं पकड़ी। इसमें दिल की दवा टेलीमीसार्टन, आइ ड्राप, ग्लूकोज की बोतलें और कोरोना की दवाएं कूड़े की तरह पड़ी मिलीं। वेयर हाउस जहां पर मरीजों के लिए दवाएं रखी जाती हैं, वहां धूल और गंदगी देखकर उप मुख्यमंत्री भड़क गए। उन्होंने इस पर वहां मौजूद अधिकारियों, कर्मचारियों को जमकर फटकार भी लगाई।

डिप्टी सीएम ने कहा :

उन्होंने कहा कि, मरीजों के लिए खरीदी गईं दवाएं यहां कूड़े के ढेर की तरह पड़ी हैं। उन्होंने तत्काल मामले की जांच के लिए समिति के गठन का निर्देश दिया और तीन दिन के अंदर मामले की प्रारंभिक रिपोर्ट देने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उप्र मेडिकल सप्लाइज कारपोरेशन लिमिटेड के द्वारा प्रदेश भर के अस्पतालों में मरीजों को निश्शुल्क दवाएं बांटने के लिए भेजी जाती हैं।

उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने मौके पर मौजूद अधिकारियों व कर्मियों को फटकार लगाते हुए कहा कि आखिर यह दवाएं अस्पतालों को क्यों नहीं भेजी गईं? अगर दवाएं एक्सपायर्ड हो रही थी तो समझौते के अनुसार इन्हे कंपनियों को क्यों नहीं वापस किया गया? उन्होंने निरीक्षण के दौरान की गई कार्यवाही की वीडियोग्राफी भी कराई। मौके पर मौजूद सभी साक्ष्यों को एकत्र किया और कागजात जब्त किए। उनके साथ स्वास्थ्य विभाग के सचिव प्रांजल यादव भी मौके पर मौजूद थे।

दवाओं के पैकेट बिखरे मिले :

बता दें, उप मुख्यमंत्री ने गोदाम में उपलब्ध दवाओं का आडिट कराए जाने के निर्देश दिए। उन्हें जिस तरह दवाओं के पैकेट बिखरे मिले और दवाइयां इत्यादि अस्त-व्यस्त मिली, उससे आशंका जताई जा रही है कि जितने मूल्य की दवाएं कारपोरेशन द्वारा खरीदी दिखाई जा रही हैं, उसमें भी खेल किया गया है। फिलहाल आडिट रिपोर्ट में सब सामने आ जाएगा। वही डिप्टी सीएम की नजर दवाओं के गत्तों के बीच रखे एक बड़े पैकेट पर पड़ी।

उन्होंने पूछा कि यह क्या है? कर्मचारियों ने बताया कि पार्सल है। यह वेयर हाउस में ऊपर गुणवत्ता चेक करने के लिए बनीं इकाई के लिए डाक के माध्यम से आया था। उन्होंने इस पर भी कड़ी नाराजगी जताई कि आखिर यह गोदाम में धूल खाएंगी तो जांच किन दवाओं का होगा? कर्मियों ने बताया कि गुणवत्ता चेक करने वाले विभाग में ताला बंद था इसलिए पार्सल यहीं रख दिया गया।

कर्मचारी कि लापरवाही :

लोगों को संक्रमण से बचाने का पाठ पढ़ाने वाले स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी किस तरह लापरवाह हैं, यह भी उप मुख्यमंत्री की चेकिंग के दौरान सामने आया। दवाओं के खुले हुए पैकेट पर एक कर्मचारी का प्रयोग किया हुआ मास्क रखा था। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि क्या आप लोगों की जान से खिलवाड़ करेंगे? अगर कहीं आपको संक्रमण हुआ तो दवा के माध्यम से कितनों तक पहुंच जाएगा। कर्मचारी सिर झुकाए डांट सुनता रहा। अलग-अलग डिब्बों की चेकिंग में उप मुख्यमंत्री ने 16,40,33,033 रुपये मूल्य की एक्सपायर्ड दवाएं पकड़ीं। उन्होंने इस पर वहां मौजूद अधिकारियों, कर्मचारियों को जमकर फटकार भी लगाई।

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