लखनऊ में 69000 शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों का प्रदर्शन जारी, प्रदर्शनकारी बोले-सरकार पर भरोसा नही
बेसिक शिक्षा निदेशालय के बाहर उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों से अभ्यर्थी पहुंचे हैं. वो सरकार से नियुक्ति पत्र देने की मांग कर रहे हैं. कोर्ट के आदेश के बाद भी सरकार और उनके अधिकारियों पर इन अभियार्थियो को भरोसा नहीं है. देर रात सभी अभ्यर्थी मोबाइल की लाइट जलाकर सरकार के खिलाफ खूब नारेबाजी कर रहे हैं. मामले को बढ़ता देख वहां बड़ी संख्या में पुलिस तैनात की गई है.
यूपी में 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में योगी सरकार को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को नई मेरिट लिस्ट बनाने का निर्देश दिया है. कोर्ट के इस फैसले के बाद 69 हजार शिक्षक भर्ती का मामला बड़ा हो गया है. इसमें सरकार से ज्यादा शिक्षक परेशान हैं. उनकी नौकरी पर तलवार लटकी हुई है. शिक्षकों को अभी बिल्कुल भी पता नहीं हैं कि उनकी नौकरी बचेगी या चली जाएगी? इसी मामले को लेकर भर्ती से जुड़े सभी अभ्यर्थी लखनऊ के निशातगंज में एक कार्यालय पर अपनी मांगों को लेकर धरना दे रहे हैं.
बेसिक शिक्षा निदेशालय के बाहर उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों से अभ्यर्थी पहुंचे हैं. वो सरकार से नियुक्ति पत्र देने की मांग कर रहे हैं. कोर्ट के आदेश के बाद भी सरकार और उनके अधिकारियों पर इन अभियार्थियो को भरोसा नहीं है. देर रात सभी अभ्यर्थी मोबाइल की लाइट जलाकर सरकार के खिलाफ खूब नारेबाजी कर रहे हैं।
अभ्यर्थियों ने कहा- घोटाला करने वाले अधिकारियों पर विश्वास नहीं
प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों ने कहा कि हमें रात में हटाया गया लेकिन हम सुबह से फिर डटे हैं। हमें यह कहना है कि जिन अधिकारियों ने शिक्षक भर्ती में घोटाला किया, वे कभी हमारे साथ न्याय नहीं कर सकते। ऐसे अधिकारियों पर तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए।
प्रदर्शनकारी ने कहा- हाईकोर्ट ने मान लिया कि गलती हुई है। पिछड़ा वर्ग आयोग ने भी यह बात मानी, यहां तक कि मुख्यमंत्री ने भी कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट नहीं जाएंगे, हाईकोर्ट के आदेश का पालन होगा। सीएम योगी आदित्यनाथ सर्वप्रिय नेता हैं, उन्होंने अधिकारियों की मीटिंग में तत्काल इसे सही करने के आदेश दिए लेकिन अधिकारी चुप बैठे हैं। हमारी यही मांग है कि जल्द से जल्द नई लिस्ट जारी की जाए। कई अधिकारी अभी यह सोच रहे हैं कि मामला किसी तरह से सुप्रीम कोर्ट पहुंच जाए और उनकी घोटालेबाजी सामने न आने पाए।
सीएम पर भरोसा है, अधिकारियों पर नहीं
गोरखपुर से आई कल्पना सिंह ने बताया कि सीएम पर भरोसा हैं, पर अधिकारियों पर नहीं है। जब हाईकोर्ट ने हमारे पक्ष में निर्णय दे दिया है, तो आखिर क्यों नही नई लिस्ट जारी की जा रही है। ये लोग जानकर मामले को लटकाना चाहते हैं।
जब तक लिस्ट नही बन जाती, यही प्रदर्शन करेंगे
प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थी कृष्ण कांत कहते हैं कि हम ही नहीं पूरा प्रदेश जानना चाहता हैं कि ऐसे कौन से अधिकारी हैं, जिन लोगों ने ये लिस्ट बनाई थी। जिन्होंने ये आरक्षण घोटाला किया। अब जब तक हमें न्याय नहीं मिल जाता, हमें हमारे विद्यालय नहीं भेज दिया जाता, तब तक यही बैठे रहेंगे।
मंगलवार से शुरू हुआ था प्रदर्शन
69,000 शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों ने मंगलवार को सुबह 10 बजे प्रदर्शन शुरू किया था। उन्होंने लखनऊ में बेसिक शिक्षा विभाग के शिविर कार्यालय और SCERT निदेशालय परिसर का घेराव किया। यह धरना आधी रात तक जारी रहा। रात साढ़े 12 बजे के करीब पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों को धरनास्थल से हटा दिया।
अखिलेश बोले- 3 घंटे में कम्प्यूटर पूरी सूची तैयार कर सकता है
मामले में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा- 69000 शिक्षक भर्ती में ईमानदारी से नियुक्ति के लिए 3 घंटे में कम्प्यूटर पूरी सूची तैयार कर सकता है। यूपी की भाजपा सरकार इसके लिए 3 महीने का जो समय मांग रही है, वो संदिग्ध है।
इससे अभ्यर्थियों में घपले-घोटालेवाली भाजपा सरकार के खिलाफ ये संदेह पैदा हो रहा है, कि किसी के द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में इस मामले को ले जाकर, कहीं आरक्षण विरोधी भाजपा सरकार इसे अपने बचे हुए कार्यकाल के लिए टालना तो नहीं चाहती है। भाजपा का सबसे बड़ा संकट ही यही है कि उसका असली चेहरा जनता ने देख लिया है और अब जनता भाजपा की सूरत और सीरत पहचान गई है।
31 मार्च तक काम कर सकेंगे प्रभावित शिक्षक
बेसिक शिक्षा विभाग जल्द ही हाईकोर्ट के आदेश के तहत 69,000 सहायक अध्यापक भर्ती की नई मेरिट तैयार करेगा। नई मेरिट शिक्षक भर्ती सेवा नियमावली 1981 और आरक्षण अधिनियम के नियमों के अनुसार ही जारी होगी। नई मेरिट बनने के बाद भी पुराने चयनित शिक्षकों पर असर नहीं पड़ेगा। वह 31 मार्च 2025 तक काम करते रहेंगे। यानी वर्तमान शैक्षिक सत्र में उनकी नौकरी पर कोई संकट नहीं होगा।
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