ओडिसा के बालासोर ट्रैन हादसे में हुआ बड़ा खुलासा !
ओडिशा के बालासोर में ट्रैन हादसे में 275 लोगो की जान चली गयी और साथ ही ये भी बताया जा रहा है की रेल मंत्रालय की गलतियों के कारण की इतना बड़ा हादसा हो गया लोग अस्पतालों में अपने परिजनों को ढूढ़ने की कोशिश में लगे हुए है लेकिन इस हादसे में इस बात तक की पुष्टि नहीं हो रही है की किसके शरीर का कौन सा अंग कहा है

ओडिसा के बालासोर में ट्रैन हादसे में 275 लोगो की जान चली गयी और साथ ही ये भी बताया जा रहा है की रेल मंत्रालय की गलतियों के कारण की इतना बड़ा हादसा हो गया लोग अस्पतालों में अपने परिजनों को ढूढ़ने की कोशिश में लगे हुए है लेकिन इस हादसे में इस बात तक की पुष्टि नहीं हो रही है की किसके शरीर का कौन सा अंग कहा है अब रेलवे की तरफ से यात्रियों की सुरक्षा को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। एक आधिकारिक दस्तावेज के अनुसार, रेलवे ने 2017-2018 और 2021-22 के बीच सुरक्षा उपायों पर एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए हैं।
सुरक्षा दावों की खुली पोल
इसमें ट्रैक के नवीनीकरण पर होने वाले खर्च में लगातार इजाफा हुआ है। सरकारी सूत्रों की तरफ से यह भी संकेत दिया गया कि रेलवे जल्द ही कैग की रिपोर्ट का जवाब देगी। इसी रिपोर्ट का हवाला लेते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बालासोर दुर्घटना के बाद में केंद्र पर हमला किया था। खरगे ने सोमवार को पीएम मोदी को पत्र लिखकर कहा कि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के ‘खोखले सुरक्षा दावों की पोल खुल गई है। खरगे की तरफ से लिखे गए पत्र में कहा गया कि 2022 की कैग रिपोर्ट ‘भारतीय रेलवे में पटरी से उतरने’ को हाइलाइट किया गया है। इस रेल हादसे में घायल हुए लोगो का निरिक्षण करने प्रधानमंत्री मोदी भी हॉस्पिटल पहुंचे और सारी परिस्तिथियों का जायजा भी लिया और लोगो को आश्वासन भी दिया ।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कसे केंद्र पर तंज
इसके लिए राष्ट्रीय रेल सुरक्षा कोष के लिए धन में 79 प्रतिशत की भारी कमी की गई है बजट के दौरान दावा किया गया था कि करीब 20,000 करोड़ रुपये हर साल उपलब्ध होंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने पूछा कि ट्रैक नवीनीकरण के लिए जरूरी धन आवंटन क्यों नहीं किया गया। रिपोर्ट से यह भी पता चला कि 2017-18 से 2021-22 तक, रेलवे ने आरआरएसके कामों पर एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए। फरवरी 2022 में, सरकार ने 2022-23 से आरआरएसके (RRSK) की वैधता को और पांच साल के लिए बढ़ा दिया। ट्रैक नवीनीकरण के आंकड़ों से पता चलता है कि 2017-18 से 2021-22 के दौरान इस पर खर्च में लगातार इजाफा हुआ। रिपोर्ट में कहा गया कि 2017-18 में 8,884 करोड़ रुपये से ट्रैक नवीनीकरण पर खर्च 2020-21 में बढ़कर 13,522 करोड़ रुपये और 2021-22 में 16,558 करोड़ रुपये हो गया।
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