IPS अर्पणा जो देश की हर महिला के लिए बनी प्रेरणा, एवरेस्ट सहित 7 समिट्स पर फहरा चुकी है तिरंगा !
आज आपको एक ऐसी आईपीएस अफसर के बारे में बताएंगे जिन्होंने माउंट एवेरस्ट सहित दुनिया की सात सबसे ऊँची चोटी पर भारत का झंडा फहरा कर देश का मान गर्व से बढ़ा दिया।
सफ़र इतना आसान नहीं होगा, ए मुसाफिर! बस तुम हिम्मत कभी मत हारना, थोड़ा मुस्कुराना, थोड़ा खुद से बतियाना,यू ही मुश्किलों से लड़ते चले जाना। मानो जैसे ये पंक्तिया किसी ने आईपीएस अधिकारी अपर्णा कुमार के लिए ही लिखी हो जी हाँ हम आज आपको एक ऐसी आईपीएस अफसर के बारे में बताएंगे जिन्होंने माउंट एवेरस्ट सहित दुनिया की सात सबसे ऊँची चोटी पर भारत का झंडा फहरा कर देश का मान गर्व से बढ़ा दिया।
We congratulate Aparna kumar, DIG, ITBP Dehradun for successfully reaching South Pole and unfurling flag of India and ITBP, on 13th January, 2019. She started her 111 mile trek to South Pole on January 4, 2019 with 10 member expedition team. #UPPolice pic.twitter.com/PlDMkbmVMo
— UP POLICE (@Uppolice) January 14, 2019
सात-शिखर चुनौती को पूरा करने वाली एकमात्र आईपीएस अधिकारी
अक्सर कोई मुश्किल काम को देख लोग उसे पहाड़ पर चढ़ने से तुलना कर देते है लेकिन आईपीएस अधिकारी अपर्णा कुमार जैसे कुछ लोग पर्वतों और पहाड़ों पर चढ़ना ही अपना जूनून बना लेते है ,और जूनून भी ऐसा की उसके साथ वह कई ऐसे नए और अनोखे रिकार्ड्स बना लेते है जिनकी तुलना करने वालों की संख्या मानो जीरो हो, अपर्णा कुमार जो की माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई सहित सात-शिखर चुनौती को सफलतापूर्वक पूरा करने वाली एकमात्र आईपीएस अधिकारी हैं,वर्तमान में पीएसी मध्य जोन में महानिरीक्षक के पद पर तैनात है इसके साथ ही अपर्णा के पास यूपी पुलिस बोर्ड के खेल सचिव का पद भी है।
तो कुछ इस तरह रहा अपर्णा का अब तक का सफर
- बात करे ऑफिसर अपर्णा कुमार की मॉउंटिंग जर्नी की तो सबसे पहले साल 2014 में अपर्णा कुमार ने तंजानिया में माउंट किलिमंजारो की 19,341 फीट) पर सफलतापूर्वक चढ़ाई की। उनके मुताबिक, यह यात्रा 15 दिनों तक जारी रही।
- उसके बाद बिना रुके उसी साल कुमार ने 7 नवंबर 2014 को,पुनकक जया पर्वत की (16,024 फीट) पर सफलतापूर्वक चढ़ाई की।कुमार पुनकक जया की शिखर पर पहुंचने वाली पहली आईपीएस/अखिल भारतीय सेवा अधिकारी बनी।
- उसके बाद उनकी तीसरी उपलब्धि की बात करे तो 14 जनवरी 2015 को, उन्होंने माउंट एकॉनकागुआ की (22,841 फीट) की चढ़ाई के साथ साथ माउंट एल्ब्रस जिसकी उचाई 18,510 फीट से अधिक है उन्होने वहां भी भारत का झंडा शान से फैराया।
- इसके साथ ही कुमार अंटार्कटिका में विंसन मासिफ पर चढ़ने के लिए दस सदस्यीय अभियान दल का हिस्सा थी जिसमें अभियान के दौरान कुमार अंटार्कटिका में यूनियन ग्लेशियर पर भी फ़तेह पा चुकी है।
- बात करे अपर्णा की माऊंट एवेरस्ट जर्नी की तो अपर्णा कुमार ने 21 मई 2016 को 11:02 IST पर माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई कर एक और नया इतिहास रच दिया।
- जिसके बाद भी वह रुकी नहीं उसके बाद साल 2019 में, उन्होंने अलास्का में माउंट डेनाली पर चढ़ाई चढ़ अपनी सेवन समिट चुनौती को पूरा कर एक नया इतिहास ही रच डाला।
नया कदम नया रिकॉर्ड
पर्वतारोही बछेंद्री पाल को अपनी प्रेरणा मानाने वाली आईपीएस अधिकारी का यह सफर इतना भी आसान नही था इस सफर में उन्होंने हज़ारो मुश्किलों का समाना किया जिसमे कभी वह निमोनिया का शिकार हुई तो कई बार पर्वतों पर माइनस डिग्री तापमान में उन्होंने कम ऑक्ससीजन का भी सामना किया पर उन्होंने कभी हार नहीं मानी और अपने हर एक नए कदम के साथ एक नया रिकॉर्ड बनाती चली गयी। जिसके साथ उन्होने कई बड़े अवार्ड्स भी अपने नाम किये।
आपको बताते चले साल 1999 में एनएलएसआईयू, बैंगलोर से स्नातक की उपाधि प्राप्त करने वाली अपर्णा साल 2002 में भारतीय पुलिस सेवा में चयनित हो गईं। पीएसी की नौवीं बटालियन में रहते हुए उन्होंने ट्रैकिंग में रुचि लेना शुरू कर दिया। यहां उन्होंने ऊंचाई वाले स्थानों पर काम करने केअपने कौशल को निखारा।
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