लोकसभा चुनाव से पहले CAA पर अमित शाह का बड़ा ऐलान !

ऐसा नहीं है कि सीएए लागू करने की बात अमित शाह ने पहली बार कही है ,पिछले साल दावा किया कि सीएए को लागू करने से कोई नहीं रोक सकता |

देश के गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर बड़ा ऐलान किया है, उन्होंने कहा है कि लोकसभा चुनाव से पहले सीएए को लागू करने की अधिसूचना जारी कर दी जाएगी | ऐसा नहीं है कि सीएए लागू करने की बात अमित शाह ने पहली बार कही है ,उन्होंने पिछले साल दिसंबर में अपने बंगाल दौरे के दौरान दावा किया था कि सीएए को लागू करने से कोई नहीं रोक सकता है | गृह मंत्री के बयान को बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आरोप लगाया था कि अमित शाह सीएए को लेकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं।

लोकसभा चुनाव से पहले पूरे देश में लागू होगा CAA, अमित शाह ने किया बड़ा एलान  - CAA will be notified in the entire country before Lok Sabha elections,  Union Home Minister

धार्मिक उत्पीड़न का सामना कर रहे पाकिस्तानी

दरअसल, एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने इस बात की घोषणा की है। उन्होंने कहा, “मैं साफ कर देना चाहता हूं कि सीएए किसी भी व्यक्ति की नागरिकता नहीं छीनेगा। इसका उद्देश्य केवल धार्मिक उत्पीड़न का सामना कर रहे पाकिस्तानी, अफगानिस्तानी और बांग्लादेशी अल्पसंख्यकों को नागरिकता देना है।”

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विपक्ष पर मुसलमानों को गुमराह करने का आरोप

अमित शाह ने कहा कि यह भी कांग्रेस का वादा है। उन्होंने कहा, “जब देश का विभाजन हुआ और वहां पर अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित किया जाता था। उस दौरान वह सभी भारत में भाग कर आना चाहते थे, तब कांग्रेस ने कहा था कि आप यहां आइए, आपको यहां नागरिकता दी जाएगी।”केंद्रीय गृह मंत्री ने विपक्ष पर मुसलमानों को गुमराह करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “हमारे मुस्लिम भाइयों को सीएए को लेकर गुमराह किया जा रहा है और भड़काया जा रहा है। सीएए केवल पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के धार्मिक अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के लिए है।”

सीएए नियम तैयार, लोकसभा चुनाव से पहले अधिसूचित किए जाने की तैयारी -  नागालैंड पेज

सीएए नियमों को अभी तक अधिसूचित नहीं किया गया

सीएए दिसंबर 2019 में अधिनियमित किया गया था और 10 जनवरी 2020 को लागू हुआ। हालांकि, सीएए नियमों को अभी तक अधिसूचित नहीं किया गया है। यही कारण है कि अभी तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के नागरिकों को नागरिकता देने की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है ,इस कानून के जरिए हिंदू, सिख, जैन, ईसाई, बौद्ध और पारसी समुदाय के उन्हीं लोगों को नागरिकता दी जाएगी जो 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में आ गए थे।

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