हनुमान जी को आयकर विभाग का नोटिस, चुकाना होगा साढ़े तीन करोड़ टैक्स !
आयकर विभाग (आईटी) और सीबीआई की चर्चा जारी है। विपक्ष का आरोप है कि केंद्र सरकार जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।
देश में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), आयकर विभाग (आईटी) और सीबीआई की चर्चा जारी है। विपक्ष का आरोप है कि केंद्र सरकार जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। लेकिन एक अलग तरह का आयकर विभाग सामने आया है। आयकर विभाग ने हनुमान मंदिर को टैक्स नोटिस जारी किया है। आयकर विभाग ने इंदौर के प्रसिद्ध रणजीत हनुमान मंदिर को टैक्स नोटिस जारी किया है। मंदिर के लिए 2.5 करोड़ रुपये का दान मिला था, नोटिस में इस पर टैक्स चुकाने की मांग की गई थी। नोटिस में 2.5 करोड़ रुपये पर 3.5 करोड़ रुपये टैक्स चुकाने को कहा गया था।
मंदिर के चढ़ावे पर सूचना
8 साल पहले 2016 में नोटबंदी हुई थी। उस समय मंदिर में खूब दान आता था। यह दान ढाई करोड़ रुपये था। मंदिर प्रशासन ने इस रकम का भुगतान बैंक में कर दिया। एक साथ बड़ी रकम इकट्ठा करने पर आयकर विभाग की नजर मंदिर प्रशासन पर पड़ी। आयकर विभाग ने हनुमान मंदिर प्रशासन को भेजा नोटिस। उन्होंने पूछा कि इतनी रकम कहां से आई। मंदिर प्रशासन ने बताया कि भक्तों से दान प्राप्त करने के बाद। फिर टैक्स भरने को कहा।
साढ़े तीन करोड़ इनकम टैक्स चुकाओ
आयकर विभाग ने नोटिस में कहा कि मंदिर एक धर्मार्थ ट्रस्ट के रूप में पंजीकृत नहीं था। आयकर नियम 12-ए और 80-जी के तहत भी कोई पंजीकरण नहीं। इससे आयकर विभाग से टैक्स छूट नहीं मिलेगी ।
मंदिर प्रशासन केस जीत गया
नोटिस मिलने के बाद मंदिर प्रशासन ने आयकर आयुक्त के यहां अपील की। तत्कालीन कलेक्टर और मंदिर प्रशासन की ओर से सीए अभय शर्मा ने केस लड़ा। ये सुनवाई काफी समय से चल रही थी। पहले वसूली पर स्टे लाया गया। फिर बहस चलती रही। इस दलील में केंद्र सरकार का नोटिफिकेशन दाखिल किया गया था। इसके मुताबिक, इंदौर में कई मंदिर, मठ, गुरुद्वारे पंजीकृत नहीं थे। लेकिन वे आयकर छूट के पात्र हैं। साथ ही मंदिर की राशि भी सरकार की है। इस तर्क को स्वीकार करते हुए आयकर विभाग का दावा खारिज कर दिया गया।
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