मुख्यमंत्री योगी का फरमान- कांवड़ रूट के सभी दुकानों पर लिखने होंगे मालिकों के नाम

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांवड़ यात्रियों की आस्था की शुचिता बनाए रखने के लिए ये फैसला लिया है. हलाल सर्टिफिकेशन वाले प्रोडक्ट बेचने वालों पर भी कार्रवाई की बात कही गई है।

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में कांवड़ मार्गों पर खाने-पीने की दुकानों पर नेमप्लेट वाला नियम अब पूरे प्रदेश में लागू होगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में कांवड़ मार्गों पर खाने-पीने की दुकानों के मालिकों को नेमप्लेट लगाने का आदेश जारी किया है. आदेश में कहा गया है कि कांवड़ मार्गों पर खाद्य सामग्री बेचने वाले दुकानों पर संचालक मालिक का नाम और पहचान लिखना होगा. कांवड़ यात्रियों की आस्था की शुचिता बनाए रखने के लिए ये फैसला लिया गया है. हलाल सर्टिफिकेशन वाले प्रोडक्ट बेचने वालों पर भी कार्रवाई की बात कही गई है।

इससे पहले भारतीय जनता पार्टी ने मुजफ्फरनगर पुलिस के कांवड़ मार्ग पर पड़ने वाली सभी दुकानों पर मालिक और काम करने वाले लोगों का नाम लिखने वाले निर्देश का बचाव किया है. बीजेपी के सूचना और प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘भारत की ‘धर्मनिरपेक्षता’ इतनी कमजोर नहीं हो सकती है कि सभी भोजनालयों को मालिक व श्रमिकों के नाम और संपर्क नंबर प्रदर्शित करने के लिए जारी एक समान आदेश इसे नुकसान पहुंचाए।’

कांवड़ रूट की हर दुकान पर लगाना होगा नेमप्लेट, लिखना होगा मालिक का नाम और पहचान... CM योगी का फैसला - Shopkeepers On Kanwar Yatra Route To Display Owners Name Plate CM

सीएम योगी का आदेश

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर दुकानदारों के नाम को लेकर बड़ा आदेश जारी किया है। सीएम योगी ने आदेश दिया है कि पूरे यूपी में कांवड़ मार्गों पर खाने पीने की दुकानों पर संचालक, मालिक का नाम और पहचान लिखना अनिवार्य होगा। सीएम योगी की ओर से जारी आदेश के बारे में कहा गया है कि कांवड़ यात्रियों की आस्था की शुचिता बनाए रखने के लिए यह फैसला लिया गया है। इसके अलावा कांवड़ यात्रा मार्ग पर हलाल सर्टिफिकेशन वाले प्रोडक्ट बेचनेवालों पर भी कार्रवाई होगी। सीएम योगी की ओर से जारी आदेश के संबंध में सभी जिला प्रशासन को अवगत कराया गया है।

जदयू ने किया विरोध

इधर इस मामले को लेकर सियासी संग्राम छिड़ा हुआ है. बीजेपी के सहयोगी दल जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के नेता केसी त्यागी ने मुजफ्फरनगर पुलिस के आदेश को वापस लिए जाने को कहा है. उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर पुलिस के खाने-पीने वाले दुकानदारों का नाम प्रदर्शित करने से सांप्रदायिक तनाव फैल सकता है. उन्होंने कहा कि धर्म और जाति के आधार पर किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं होना चाहिए. केसी त्यागी ने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विभिन्न इलाकों से गुजरने वाली कांवड़ यात्रा में कभी सांप्रदायिक तनाव की कोई खबर नहीं आई. धर्म के आधार पर इस तरह का भेदभाव गलत है और इससे सांप्रदायिक विभाजन ही बढ़ेगा।

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अखिलेश यादव ने बताया ‘सामाजिक अपराध’

प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मुजफ्फरनगर पुलिस के आदेश को ‘सामाजिक अपराध’ करार दिया है. उन्होंने अदालतों से इस मामले को खुद संज्ञान लेने का अनुरोध किया. अखिलेश ने एक्स पर लिखा, ‘और जिसका नाम गुड्डू, मुन्ना, छोटू या फत्ते है, उसके नाम से क्या पता चलेगा?’ उन्होंने लिखा, ‘माननीय न्यायालय स्वत: संज्ञान ले और ऐसे प्रशासन के पीछे के शासन तक की मंशा की जांच करवाकर, उचित दंडात्मक कार्रवाई करे. ऐसे आदेश सामाजिक अपराध हैं, जो सौहार्द के शांतिपूर्ण वातावरण को बिगाड़ना चाहते हैं।

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कांग्रेस ने की अंकुश लगाने की मांग

कांग्रेस ने मुजफ्फरनगर पुलिस के आदेश को भारतीय तहजीब पर हमला बताया है. पार्टी के मीडिया विभाग के पवन खेड़ा ने कहा है कि यह आदेश के पीछे बीजेपी और आरएसएस की मंशा है हिंदू और मुसलमान की पहचान करना है. उन्होंने कहा कि ये भी सकता है कि जाति के बारे में पता करना हो, यह पता करने की मंशा भी हो कि दलित कौन है? उन्होंने बीजेपी और आरएसएस की विचारधारा पर अंकुश लगाने की बात कही. वहीं, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मुजफ्फरनगर पुलिस के आदेश को भेदभावपूर्ण करार दिया है।

आपको बता दें कि मुजफ्फरनगर जिले से होते हुए कांवड़िए हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और यूपी के अलग अलग जिलों में जाते हैं हरिद्वार से हर साल 4 करोड़ कांवड़ उठाते हैं. ढाई करोड़ से ज्यादा कांवड़िए मुजफ्फरनगर से होकर जाते हैं. शिव भक्ति की यात्रा का काउंटडाउन शुरू हो गया है. कांवड़ यात्रा निकलने का मौसम बस आने ही वाला है, लेकिन उससे पहले यूपी पुलिस के आदेश से इस यात्रा से ये विवाद जुड़ गया है।

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