विधायक बेदी राम का नाम लेने पर भड़के ओपी राजभर
बस्ती दौरे पर ओमप्रकाश राजभर से विधायक बेदी राम से जुड़े पेपर लीक मामले पर जमकर भड़के।
बस्ती में शनिवार को सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर सर्किट हाउस सभागार में डीएम-एसपी के साथ बैठक के बाद फरियादियों की समस्याएं सुन रहे थे। इस दौरान मीडिया ने विधायक बेदी राम से जुड़े पेपर लीक के मामले पर सवाल किया, तो ओपी राजभर भड़क गए। उन्होंने कहा कि पेपर लीक की खबरें फर्जी हैं और सीबीआई की रिपोर्ट में बेदी राम का नाम नहीं है। यह मामला 2009 का है, जब उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव की सरकार थी।
कांवड़ यात्रा पर विपक्ष के हमले
कांवड़ यात्रा को लेकर योगी सरकार के आदेश पर विपक्ष द्वारा किए जा रहे हमलों पर ओपी राजभर ने कहा कि विपक्ष का काम है विरोध करना और सरकार का काम है काम करना। उन्होंने कहा कि सपा और कांग्रेस की सरकार में दंगे होते थे, लेकिन इस सरकार में कोई दंगे नहीं हुए हैं।
अखिलेश सरकार पर आरोप
ओपी राजभर ने अखिलेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके शासनकाल में दलितों और पिछड़ों का हक छीना गया। सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का आदेश दिया था, लेकिन अखिलेश यादव ने आरक्षण में लूट मचा दी। धोबी, केवट, मल्लाह, कुर्मी-कहार जैसी जातियों को आरक्षण नहीं दिया गया।
केशव प्रसाद मौर्य के दावे का समर्थन
ओपी राजभर ने 2027 के विधानसभा चुनाव में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के 2017 जैसा प्रदर्शन किए जाने के दावे का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि 2017 में मौर्य प्रदेश अध्यक्ष थे और उनके नेतृत्व में 325 सीटें आई थीं। बाद में उनके हटने के बाद 75 सीटें कम हो गई थीं। उपचुनाव में सीएम योगी द्वारा बनाए गए प्रभारी की सूची में उनका नाम न होने पर राजभर ने कहा कि वह सूची भारतीय जनता पार्टी की है, न कि भारतीय समाज पार्टी की।