Eastern Economic Forum: PM मोदी ने किया ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम को संबोधित, इन बातों पर दिया जोर !
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7वें ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम को संबोधित किया। जहां उन्होंने कई अहम मुद्दों पर भारत का पक्ष रखा। उन्होंने कहा, यह फोरम सहयोग का प्रमुख मंच है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7वें ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम (Eastern Economic Forum) को संबोधित किया। जहां उन्होंने कई अहम मुद्दों पर भारत का पक्ष रखा। उन्होंने कहा, यह फोरम सहयोग का प्रमुख मंच है। इसमें ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग की अपार संभावनाएं हैं। इस दौरान पीएम मोदी ने रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग का जिक्र करते हुए कहा, रूस-यूक्रेन विवाद बातचीत से सुलझाया जाना चाहिए। यूक्रेन संघर्ष की शुरुआत से ही हमने कूटनीति और वार्ता का मार्ग अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया है।
पीएम ने वर्चुअल रूप से किया सम्बोधित !
पीएम मोदी ने ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम को संबोधित करते हुए कहा कि, मुझे खुशी है कि व्लादि-वोस्तोक (Vladivostok) में आयोजित किए जा रहे 7वें ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम में आपसे वर्चुअल रूप से जुड़ने का मौका मिला। इसी महीने, व्लादि-वोस्तोक में भारत के कांसुलेट की स्थापना के 30 वर्ष पूरे हो रहे हैं। भारत इस शहर में कांसुलेट खोलने वाला पहला देश था।
ऊर्जा क्षेत्र में अपार संभावनाएं !
पीएम मोदी ने आगे कहा कि 2019 में मुझे इस फोरम में रूबरू होने का मौका मिला था। उस समय हमने भारत की ‘Act Far-East’ नीति की घोषणा की थी। परिणामस्वरूप, रशियन फार ईस्ट (Russian Far East) के साथ विभिन्न क्षेत्रों में भारत का सहयोग बढ़ा है। उन्होंने कहा कि, भारत आर्कटिक मुद्दों पर रूस के साथ अपनी भागीदारी को मजबूत करने के लिए इच्छुक है। ऊर्जा के क्षेत्र में भी सहयोग की अपार संभावनाएं हैं। ऊर्जा के साथ-साथ, भारत ने फार्मा और हीरों के क्षेत्रों में भी रशियन फार ईस्ट में महत्वपूर्ण निवेश किए हैं।
पीएम ने जताई चिंता !
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, आज के वैश्वीकृत दुनिया में विश्व के किसी एक हिस्से की घटनाएं पूरे विश्व पर प्रभाव डालती हैं। यूक्रेन संघर्ष और कोविड महामारी से ग्लोबल सप्लाई चेन्स पर बड़ा असर पड़ा है। उन्होंने चिंता जताते हुए कहा, खाद्यान्न, उर्वरक, और ईंधन की कमी विकासशील देशों के लिए बड़ी चिंता के विषय हैं।