कर्फ्यू, लॉकडाउन व धारा 144 में क्या है खास अंतर ? आप भी जानिए !
पाबंदियों में धारा 144, लॉकडाउन व कर्फ्यू शामिल है, ये तीनों ही शांति व्यवस्था को बनाए रखने के लिए लागू की जाती है।
देश में अक्सर शासन व प्रशासन द्वारा कुछ पाबंदियां जनता की भलाई के लिए लगाई जाती है। उन पाबंदियों में धारा 144, लॉकडाउन व कर्फ्यू शामिल है। ये तीनों ही शांति व्यवस्था को बनाए रखने के लिए लागू की जाती है। लेकिन क्या आपको इनके बीच का अंतर पता है ? आखिर किन कारणों से तीनों धाराएं लागू की जाती है ? आज हम आपको इन तीनों में प्रमुख अंतर बताने जा रहे है :
LOCKDOWN : लॉकडाउन की शर्तों के तहत ज्यादातर चीजों पर पाबंदी है लेकिन जरूरी सामान की अनुमति है। उदाहरण के लिए, राशन, दवाएं और आपातकालीन आपूर्ति दी जा सकती है। लॉकडाउन को लागू करने का अधिकार नगर कलेक्टर या मुख्य चिकित्सा अधिकारी के पास है। वे जरूरत के हिसाब से शहर में लॉकडाउन लगा सकते हैं।
ARTICLE 144 : संवैधानिक भाषा में इस दंड प्रक्रिया संहिता यानी सीआरपीसी की धारा 144 कहा जाता है। यह देश में पहली बार 1861 में बड़ौदा राज्य में पेश किया गया था। इसे कलेक्टर ( DM ) की अधिसूचना के बाद किसी भी शहर में लागू किया जाता है। इसे तब लागू किया जाता है जब शहर में अशांति, असुरक्षा और दंगों का खतरा होता है। शहर में इस धारा के लागू होने के बाद 4 या अधिक लोग एक ही स्थान पर एकत्रित नहीं हो सकते हैं।
CURFEW : कर्फ्यू लगाने का अधिकार कलेक्टर या पुलिस आयुक्त के पास है। वे इसे शहर की स्थिति को ध्यान में रखते हुए लगाते हैं। उदाहरण के लिए, दंगों जैसी घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए।
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