” वो लगवाते थे अवैध तमंचों की फैक्ट्री और हम लेकर आये डिफेंस कॉरिडोर ” : योगी आदित्यनाथ

उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव ( election ) के ऐलान के बाद सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। नेता एक-दूसरे के खिलाफ जोरदार बयानों के तीर चला रहे हैं। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समाजवादी पार्टी पर लगातार हमलावर हैं। पिछले दिनों पाकिस्तान को लेकर सपा मुखिया अखिलेश यादव पर तल्ख टिप्पणी के बाद सीएम योगी ने सपा और भाजपा के कार्यकाल की तुलना की है।

हम कानून का राज लाए

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सीएम योगी आदित्यनाथ सोशल मीडिया एप कू पर पोस्ट करते हुए कहा कि ‘आप सब साक्षी हैं… वे अंधेरा लाए थे, हम उजाला लाए. वे गुंडाराज लाए थे, हम कानून का राज लाए। वे अवैध तमंचों की फैक्ट्री लगवाते थे, हम डिफेंस कॉरिडोर लाए। वे हज हाउस लाए थे, हम रामलला का मंदिर लाए। ‘

समाजवादी नेताओ को दी तमंचावादी संज्ञा

समाजवादी पार्टी की पुरानी नीतियों पर हमलावर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि फर्क साफ है। पिछले दिनों उन्होंने पाकिस्तान का नाम भी लेकर समाजवादी पार्टी पर जोरदार तंज कसा था। उन्होंने ‘करें न धरें, तरकस पहने फिरें’ जैसी कहावत से विपक्ष की राजनीति पर तंज कसा तो समाजवादी नेताओं को ‘तमंचावादी’ जैसी संज्ञा दी।

पाकिस्तान दुश्मन नहीं लगता, जिन्ना दोस्त लगता

उन्होंने कहा कि ‘जिन्हें पाकिस्तान दुश्मन नहीं लगता, जिन्ना दोस्त लगता है। उनकी शिक्षा-दीक्षा और दृष्टि पर क्या ही कहा जाए। वे स्वयं को समाजवादी कहते हैं, लेकिन सत्य यही है कि इनके नस-नस में ‘तमंचावाद’ दौड़ रहा है। ‘ सीएम योगी ने अपनी पोस्ट में यह भी लिखा कि जनता ने 2017 में भ्रष्टाचारियों को चुना नहीं, हमने विगत पांच वर्षों के दौरान भ्रष्टाचारियों को बख्शा नहीं। 10 मार्च, 2022 के बाद फिर से यही होगा।

‘इस चुनाव में ‘बाबा’ ‘भैया’ और ‘बहन जी’ को बाय-बाय

सपा पर निशाना साधने के साथ ही योगी ने एआइएमआइएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी को भी उनकी टिप्पणी पर चेताया है। दरअसल, ओवैसे ने ट्वीट किया- ‘इस चुनाव में ‘बाबा’ ‘भैया’ और ‘बहन जी’ को बाय-बाय.’ इसका जवाब सीएम योगी के आधिकारिक पर्सनल आफिस ट्विटर हैंडल से दिया गया।

सार्वजनिक तौर पर दंगाइयों के पोस्टर

ओवैसी को सख्त संदेश देते हुए लिखा गया- ’15 मिनट के लिए पुलिस हटवाने की बात करने वालों! हाय-बाय तक तो ठीक है, लेकिन इस बात का ध्यान रहे कि ये ‘नया उत्तर प्रदेश’ है, जहां सार्वजनिक तौर पर दंगाइयों के पोस्टर लगते हैं और उनकी संपत्ति कुर्क होती है… और वे बाद में ‘हम सुधर गए हैं’ की तख्ती लेकर भी घूमते हैं।

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