सूरत-ए-पाकिस्तान : कंगाली की कगार लेकिन मानने को नहीं तैयार !

अब ये नौबत आ गयी है की महंगी महंगी कार की सवारी के बाद अब पाकिस्तान के नागरिक गधे और घोड़े का इस्तेमाल करेंगे

एक कहावत है की छप्पर पर फूंस नहीं, ड्योढ़ी पर नाच कुछ यही हाल आज कल पाकिस्तान ( Pakistan ) का है। श्रीलंका तो पहले से ही कंगाल है लेकिन अब उसी के रास्ते पर हमारा एक और पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान भी चल चुका है। आलम ये है की लोगों को खाने पीने और चलने के लाले पड़ रहे है।

अपने आप को किसी से कम मानने को तैयार

लेकिन इसके वाबजूद न पाकिस्तान की ऐठन में कोई कमी आयी है और न ही अपने आप को किसी से कम मानने को तैयार है। पाकिस्तान के एक अधिकारी ने कहा की उनका देश श्रीलंका नहीं है। मतलब जिस देश में 1 किलो घी 555 रुपए प्रति किलोग्राम और खाने वाले तेल के दाम 605 रुपए प्रति लीटर हो उसका इसकदर आंखें दिखाना बिलकुल भी नहीं पचता है।

गधा-गाड़ी के इस्तेमाल की अनुमति मांगी

ये तो बात घी और तेल की थी लेकिन पाकिस्तान में पेट्रोल के दाम आप को और भी ज्यादा चौंका सकते है। क्योंकि एक लीटर पेट्रोल पाकिस्तान की जनता को 209 रुपये में मिल रहा है। जिसके बाद पाकिस्तान के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण के एक कर्मचारी ने सरकार द्वारा ईंधन की कीमतें बढ़ाए जाने के बाद काम पर आने-जाने के लिए गधा-गाड़ी के इस्तेमाल की अनुमति मांगी है।

जवाब तो शायद पाकिस्तान के पास भी नहीं

मतलब अब ये नौबत आ गयी है की महंगी महंगी कार की सवारी के बाद अब पाकिस्तान के नागरिक गधे और घोड़े का इस्तेमाल करेंगे। अब ये सवाल आपके मन में जरूर होगा की जब आप इतनी कंगाल स्थिति से गुजर रहें है। तो किस बात पर शेखी बघार रहे है खैर इसका जवाब तो शायद पाकिस्तान के पास भी नहीं होगा।

श्रीलंका की तरह दिवालिया हो जाएगा

पाकिस्तान आर्थिक कंगाली झेल रहा है और उसका विदेशी मुद्रा भंडार खाली होने के कगार पर है। विदेशी मुद्रा भंडार की कमी के कारण पाकिस्तान अपने कर्जों को चुका पाने की स्थिति में भी नहीं है। विशेषज्ञ कह रहे हैं कि अगर पाकिस्तान को जल्द ही विदेशों से आर्थिक मदद नहीं मिली तो वो श्रीलंका की तरह दिवालिया हो जाएगा। लेकिन पाकिस्तान अपनी ही हनक में मगन है। वहीं पाकिस्तान के लिए मुनासिब ये होगा की जल्द से जल्द अपनी परिस्थिति को स्वीकार करें और उसके लिए काम करें ना की सच्चाई से मुँह छिपाए।

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