देशवासियो के लिए गौरव का दिन आज आदित्य L1 भरेगा सूर्य की तरफ उड़ान !
इस मिशन के सफल लॉन्च के लिए आज वाराणसी में हवन किया भी किया गया। भारत का आदित्य L1 पूरी तरह से स्वदेशी है। इस मिशन को बेंगलुरु के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स (IIA) ने तैयार किया है।

जैसे चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग के लिए लोगो ने खूब प्राथना की थी कुछ वैसा ही द्रिश्य आज जगह जगह देखने को मिल रहा है। आज देश का पहला सूर्य मिशन आदित्य एल-1 (Aditya-L1) लॉन्च करने जा रहा है। इसका काउंट डाउन शुरू हो चुका है।11 बजकर 50 मिनट पर इस मिशन को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाएगा। भारत वासियो के लिए ये बहुत ही गौरव का पल होगा साथ ही इस मिशन के सफल लॉन्च के लिए आज वाराणसी में हवन किया भी किया गया। भारत का आदित्य L1 पूरी तरह से स्वदेशी है। इस मिशन को बेंगलुरु के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स (IIA) ने तैयार किया है।
आदित्य L1 की लॉन्चिंग के लिए देश भर में हो रही पूजा अर्चना
इसरो के मुताबिक, आदित्य L-1 अपने साथ फोटोस्फीयर, क्रोमोस्फीयर और सूर्य की सबसे बाहरी परतों (कोरोना) का निरीक्षण करने के लिए सात पेलोड ले जाएगा। इनमें से 4 पेलोड सूरज पर नज़र रखेंगे, बाकी 3 एल-1 पॉइंट के आसपास का अध्ययन करेंगे एक प्रकार से लाग्रेंज बिंदु किसी अंतरिक्ष यान के लिए पार्किंग स्थल का काम करते हैं। यहां किसी यान को वर्षों तक रखकर तमाम परीक्षण किए जा सकते हैं और कई जानकारियां जुटाई जा सकती हैं। चूंकि सूर्य का दूसरा नाम आदित्य है, इसका लक्ष्य L1 तक पहुंचना है, इसलिए इस मिशन को आदित्य एल-1 का नाम दिया गया है।
क्यों इस मिशन को नाम दिया गया आदित्य-L1
आदित्य-एल 1 सूर्य का अध्ययन करने वाली पहली स्पेस बेस्ड इंडियन लेबोरेट्री होगी। L1 एक ऐसा स्थान है, जहां से सूर्य का चौबीसों घंटे अवलोकन किया जा सकता है। इस स्थान को दिन और रात की साइकिल प्रभावित नहीं करती। यहां से सूरज सातों दिन और 24 घंटे दिखाई पड़ता है। वहीं ये पॉइंट पृथ्वी के नजदीक है और यहां से संचार में काफी आसानी होती है। इस कारण ये स्थान स्टडी के लिहाज से अच्छा माना जाता है।
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