बिहार के इस मंदिर होता है ये चमत्कार !
पूजा पाठ से लेकर टोटके टोने तक सब पर आँख बंद के कुछ लोग विशवास करते है। हम जिस चमत्कारी मंदिर की बात कर रहे हैं, वो बिहार के कैमूर में है। यहां कैमूर की पहाड़ियों पर माता मुंडेश्वरी देवी का मंदिर है। पूरे भारत में इस मंदिर की मान्यता है।
भारत देश में ईश्वर पर लोग बहुत विशवास करते है लेकिन अगर हम आपको कहे की एक मंदिर ऐसा भी है जहा मरे हुए जीव फिर से जिन्दा हो जाते है तो क्या आप विशवास करेंगे ? आपको बता दे की भारत में लोगो को चमत्कारों पर बहुत ज्यादा विशवास करते है पूजा पाठ से लेकर टोटके टोने तक सब पर आँख बंद के कुछ लोग विशवास करते है। हम जिस चमत्कारी मंदिर की बात कर रहे हैं, वो बिहार के कैमूर में है। यहां कैमूर की पहाड़ियों पर माता मुंडेश्वरी देवी का मंदिर है। पूरे भारत में इस मंदिर की मान्यता है।
चमत्कारी मंदिर की बात
लोगों का मानना है कि यहां जो मांग लिया वो पूरा ही होता है। लेकिन सबसे बड़ी बात तो ये है कि इस बलि में किसी जीव की हत्या नहीं होती। बिहार के कैमूर के पर्वतों पर करीब 600 फीट की ऊंचाईं पर स्थित इस मंदिरो को लेकर एक मान्यता है कि जब आप यहां कोई जीव बलि के लिए लाते हैं तो उस जानवर को देवी के पास ले जाया जाता है और फिर पुजारी कुछ अक्षत यानी चावल के दाने जीव पर फेंकता है तो वो जीव तुरंत ही मूर्क्षित हो कर वहीं गिर जाता है।
मंदिर में है अधबुध शक्तियां
ये बिल्कुल ऐसा लगता है जैसे इस जीव की जान चली गई। हालांकि, ऐसा नहीं होता, पूजा के बाद ये जीव उठ खड़ा होता है और बड़े आराम से अपने पैरों पर चलकर मंदिर से बाहर आ जाता है। कहा जाता है कि जहां ये मंदिर बना है उस जगह पर मां ने चण्ड-मुण्ड नाम के असुरों का वध किया था। इसलिए ही ये माता मुंडेश्वरी देवी के नाम से प्रसिद्ध हैं। आपको बता दें, मंदिर की एक चमत्कारिक बात ये भी है कि, यहां भगवान शिव का एक पंचमुखी शिवलिंग है जो दिन में तीन बार रंग बदलता है।
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