जादूगर जिसका नाम था Gandhi, पढ़िए ऐसे किस्से जो उन्हें महात्मा बनाते हैं !
उस दौर में गांधी के रहते हुए ही गांधी को देवता मानने वाले लोगों की संख्या बहुत थी। कई किस्से, कई कहानियां सुनी और सुनाई गईं।
क्या गाँधी आज भी लोगो के दिलो में जीवित है ? क्या गाँधी ईश्वर का अवतार थे ? क्या गांधी जादूगर थे? क्या गांधी हैट में से कबूतर निकालते थे? नहीं, वह तो लोगों के दिलों पर राज करते थे। ऐसा रुतबा इस धरती पर बहुत कम लोगों को नसीब हो पाता है, जो गांधी को हासिल हुआ। उस दौर में गांधी के रहते हुए ही गांधी को देवता मानने वाले लोगों की संख्या बहुत थी। कई किस्से, कई कहानियां सुनी और सुनाई गईं। उनकी मृत्यु के बाद गांव-गांव में उनका श्राद्ध हुआ। लोगों ने अपने सिर के बाल तक मुंडवाए थे।
शहीद दिवस के रूप में मनाया
भारत को अंग्रेजों की गुलामी से आजाद कराने में गांधी जी का बहुत बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने भारत की आजादी, विकास और समृद्धि के लिए अपना जीवन तक बलिदान कर दिया।
30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की गोली मार कर हत्या कर दी थी। गांधी जी के इस बलिदान की याद में और उन्हें सम्मान देने के लिए हर साल 30 जनवरी का दिन शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है।
ईश्वर मानना बहुत आम बात थी
चंपारण सत्याग्रह और महात्मा गांधीसे जुड़ी कई किताबें लिखने वाले वरिष्ठ पत्रकार अरविंद मोहन बताते हैं कि ‘लोक जीवन में गांधी को ईश्वर का अवतार मानना या ईश्वर ही मानना बहुत आम बात थी। इसको लेकर कई मिथक हैं। चंपारण सत्याग्रह के दौरान गांधी जेल जाते-जाते रह गए। लोग कहते थे कि गांधी को कौन जेल भेज सकता है? कुछ कहते थे कि उनके हाथ बहुत लंबे हैं। गांधी इसका बार-बार खंडन करते रहे।
आमतौर पर लोगों की शिकायत सरकार से जो भी रही हो लेकिन गांधी से यह शिकायत जरूर थी कि आपके रहते यह सब कैसे हो गया? इस तरह की शिकायत लोगों को अपने देवता से ही हो सकती है।
हत्या के बाद भोजपुरी भाषी में गीत मशहूर हुआ
गांधी जी हत्या के बाद बिहार के भोजपुरी भाषी इलाके में एक गीत मशहूर हुआ था। गीत लिखने वाले थे रसूल मियां, जो भोजपुरी भाषी क्षेत्र में नाच-नौटंकी की मंडली चलाते थे। वह गोपालगंज के रहने वाले थे और इलाके में काफी मशहूर थे। उन्होंने लिखा…
के हमरे गांधी जी के गोली मरलस हो
दनादन तीन गो…
गीत का मतलब यह है कि वह कौन था, जिसने हमारे गांधी जी को गोली मार दी। वह भी तीन गोलियां। यह गीत नाच के माध्यम से ही इतना मशहूर हुआ कि जन कंठ का हार बनकर लोगों की जुबान पर चढ़ गया।
शहीदों की याद में दो मिनट का मौन
शहीद दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और तीनों सेना प्रमुख राजघाट स्थित महात्मा गांधी की समाधि पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं। सेना के जवान भी इस अवसर पर राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि देने के लिए अपने हथियार झुकाते हैं। साथ ही देश के सभी शहीदों की याद में दो मिनट का मौन भी रखा जाता है।
स्कूल, कॉलेज और दूसरे संस्थानों में महात्मा गांधी से जुड़े कई तरह के कार्यक्रम, भाषण का आयोजन होता है।बापू भले ही आज हम हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके विचार आज भी हमारे जेहन में जिंदा हैं। गांधी जी का स्वच्छता का मंत्र आज जन-जन तक पहुंच चुका है। भारतवर्ष हमेशा उनके इस बलिदान को याद रखेगा।
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