# कवायद : सरकार का जनता को सर्विस चार्ज से ‘मरहम’ अस्पताल से ‘चोट’ !

ग्राहकों से सेवा शुल्क वसूलने वाले होटल व रेस्तरां मालिकों के खिलाफ उपभोक्ता फोरम में अपील का अधिकार देने की कवायद जारी की

सरकार फूड बिल में सर्विस चार्ज जोड़कर होटल और रेस्टोरेंट मालिकों पर नकेल कसने की तैयारी कर रही है।

नई गाइडलाइंस के जरिए ऐसा करने जा रही

ग्राहकों से सेवा शुल्क वसूलने वाले होटल व रेस्तरां मालिकों के खिलाफ उपभोक्ता फोरम में अपील का अधिकार देने की कवायद जारी की है। सरकार नई गाइडलाइंस के जरिए ऐसा करने जा रही है। लेकिन दूसरी तरफ सरकार निजी अस्पतालों में इलाज महंगा कर आम आदमी की कमर तोड़ रही है।

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम में ऐसी अपील का प्रावधान

नए नियम के लागू होने के बाद ग्राहक सेवा शुल्क के खिलाफ केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) में उपभोक्ता फोरम में अपील कर सकते हैं। अब तक उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम में ऐसी अपील का प्रावधान नहीं था। इससे पहले 2017 में जारी एडवाइजरी पेपर में बिल में सर्विस चार्ज जोड़ने का कॉलम स्वेछिक था।

देश में खाद्य कीमतों पर कोई नियंत्रण नहीं

कुछ समय पहले केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि रेस्टोरेंट खाने के बिल में सर्विस चार्ज नहीं जोड़ सकते। उन्होंने कहा कि यदि रेस्तरां मालिक अपने कर्मचारियों को अधिक भुगतान करना चाहते हैं | तो वे भोजन की दरें बढ़ाने के लिए स्वतंत्र हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि देश में खाद्य कीमतों पर कोई नियंत्रण नहीं है। उन्होंने रेस्तरां मालिकों के इस डर को खारिज कर दिया कि अगर सेवा शुल्क हटा दिया गया तो वे हार जाएंगे।

निजी अस्पतालों में इलाज आपको महंगा पड़ेगा

अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए आईसीयू को छोड़कर 5,000 रुपये से अधिक के किराए वाले कमरों पर 5% जीएसटी लगेगा। मतलब निजी अस्पतालों में इलाज आपको महंगा पड़ेगा। इसका असर 18 जुलाई से आम जनता को मिलने वाला है। महंगाई को लेकर आम आदमी पहले से ही परेशान है, लेकिन जीएसटी काउंसिल के फैसलों से महंगाई और बढ़ने की संभावना है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की दो दिवसीय बैठक में यह निर्णय लिया गया।

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