CAA पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार ,9 अप्रैल को होगी सुुनवाई !
याचिकाओं पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान केंद्र ने अदालत को बताया कि CAA किसी भी व्यक्ति की नागरिकता नहीं छीनता है।
नागरिकता संशोधन अधिनियम यानि की CAA के विरोध में कई याचिकाएं अदालत में दायर की गईं हैं। इन सभी याचिकाओं पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई थी। वहीं सुनवाई के दौरान केंद्र ने अदालत को बताया कि CAA किसी भी व्यक्ति की नागरिकता नहीं छीनता है। साथ ही केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से सभी याचिकाओं पर जवाब देने के लिए समय मांगा है।
200 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ दायर 200 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ मामले की सुनवाई कर रही है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि CAA के खिलाफ दायर याचिकाओं पर जवाब के लिए 3 हफ्ते का समय दिया जा रहा है, अब इस मामले पर 9 अप्रैल 2024 को सुनवाई करेंगे।
दोनों पक्ष 5-5 पन्ने का लिखित संक्षिप्त नोट जमा करवाएं
सुनवाई के दौरान वकील निजाम पाशा ने कहा कि सीएए की वजह से मुस्लिमों की नागरिकता पर खतरा है ,जिसे लेकर सॉलिसीटर जनरल ने जवाब देते हुए कहा कि ये NRC नहीं है ,इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि दोनों पक्ष 5-5 पन्ने का लिखित संक्षिप्त नोट जमा करवाएं ,और सरकार को 8 अप्रैल तक जवाब दे।
जवाब के लिए दिया गया 3 हफ्ते का समय
इस मामले में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि सीएए के खिलाफ दायर याचिकाओं पर जवाब के लिए 3 हफ्ते का समय दिया जा रहा है ,इस मामले पर 9 अप्रैल को सुनवाई करेंगे। वहीं, वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि अगर इस दौरान किसी को नागरिकता मिली तो हम दोबारा कोर्ट आएंगे।
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