Supreme Court: नूपुर शर्मा को सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत, उन पर दर्ज सभी FIR होंगी दिल्ली ट्रांसफर !
पूर्व भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा की पैगंबर मुहम्मद पर की गयी टिप्पणी के बाद अलग-अलग कई FIR दर्ज की गईं थीं। नूपुर शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट से अपने सभी केस दिल्ली स्थानांतरित करने की अपील की थी।
पूर्व भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा की पैगंबर मुहम्मद पर की गयी टिप्पणी के बाद उन पर अलग-अलग कई FIR दर्ज की गईं थीं। नूपुर शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट से अपने सभी केस दिल्ली स्थानांतरित करने की अपील की थी। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस कांत बेंच ने नूपुर शर्मा को बड़ी राहत देते हुए सभी केसों की सुनवाई दिल्ली में करने का आदेश दे दिया है।
नूपुर शर्मा के सारे केस दिल्ली में होंगे क्लब !
देशभर में नूपुर शर्मा के खिलाफ दर्ज अलग-अलग केस अब दिल्ली में क्लब किए जाएंगे। ताकि उन्हें अलग-अलग राज्यों में अपना बचाव करने न जाना पड़े। नूपुर के खिलाफ सबसे पहले महाराष्ट्र में केस दर्ज किया गया था। नूपुर के खिलाफ दिल्ली, महाराष्ट्र, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और असम में मामले दर्ज किए गए हैं।
हिंसा के लिए नूपुर अकेली ही जिम्मेदार !
सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा कि नूपुर शर्मा के खिलाफ सभी पुलिस मामलों को एक साथ जोड़कर दिल्ली पुलिस को सौंप दिया जाएगा।
1 जुलाई को सुनवाई के दौरान, नूपुर शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट से देश भर में उनके खिलाफ दर्ज सभी FIR को एक साथ जोड़ने और उन्हें दिल्ली में स्थानांतरित करने का अनुरोध किया था। 1 जुलाई को एक सुनवाई में, सुप्रीम कोर्ट के दो न्यायाधीशों ने नूपुर शर्मा को एक न्यूज़ चैनल की बहस के दौरान पैगंबर पर उनकी टिप्पणी के बाद हुई हिंसा के लिए उन्हें “अकेले ही जिम्मेदार” ठहराया था।
नूपुर को जान से मारने की मिली थी धमकी !
19 जुलाई को, सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि नूपुर शर्मा की पैगंबर पर की गयी टिप्पणियों को लेकर उनके खिलाफ नौ मामलों में गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है। दलील यह दी गयी थी कि 1 जुलाई के आदेश के बाद, अजमेर दरगाह के एक कर्मचारी ने वीडियो पर उनका गला काटने की धमकी दी और उत्तर प्रदेश के एक अन्य निवासी ने उन्हें गाली दी और सिर काटने की धमकी दी।
भाजपा ने प्रवक्ता पद से किया था निलंबित !
नूपुर शर्मा को जून में भाजपा के प्रवक्ता के पद से निलंबित कर दिया गया था, क्योंकि उनकी पैगंबर मुहम्मद के बारे में टिप्पणि के बाद भारत में भारी विरोध के साथ-साथ हिंसा भी देखी जा रही थी और गल्फ देशों द्वारा आधिकारिक शिकायतों की शुरुआत हो गई थी। वहीं भारत में उनके खिलाफ कई राज्यों में FIR भी दर्ज की गई थी।