कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू से भारी नकदी की बरामदगी !
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू के ठिकानों से भारी नकदी की बरामदगी ने राज्य में कांग्रेस को हिलाकर रख दिया |
झारखंड से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज प्रताप साहू के घर पर मिली बेहिसाब नगदी का मामला लगातार सुर्ख़ियों में बना हुआ है ,अब भाजपा की झारखण्ड इकाई के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने धीरज साहू की गिरफ़्तारी की मांग की है।
धीरज साहू के ठिकानों से भारी नकदी बरामद
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू के ठिकानों से भारी नकदी की बरामदगी ने राज्य में कांग्रेस को हिलाकर रख दिया है। स्थिति यह है कि कोई भी कांग्रेस नेता इसपर बोलना नहीं चाहता है। कई ठिकानों पर आयकर विभाग की टीम ने छापेमारी की है। अभी तक की जानकारी के मुताबिक लगभग 300 करोड़ रुपये नकदी मिल चुके हैं।
बड़ी मुश्किल में फंस गए धीरज प्रसाद साहू
छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान में हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में बुरी तरह हारने वाली कांग्रेस अभी निराशा के दौर से उबरी भी नहीं थी कि झारखंड से उसके राज्यसभा सदस्य धीरज प्रसाद साहू बड़ी मुश्किल में फंस गए हैं। झारखंड के पड़ोसी राज्य ओड़िशा स्थित उनके ठिकानों पर आयकर की यह छापेमारी अब तक की सबसे बड़ी छापेमारी का रिकार्ड कायम कर रही है।
धीरज प्रसाद साहू ने साधी चुप्पी
मिली जानकारी के मुताबिक, धीरज प्रसाद साहू अभी नई दिल्ली में हैं। एक प्रकार से वे इस मामले में फिलहाल अलग-थलग दिख रहे हैं। स्थिति यह है कि कोई भी कांग्रेस नेता इसपर बोलना नहीं चाहता। खुद राज्यसभा सदस्य धीरज प्रसाद साहू ने भी पूरे प्रकरण को लेकर चुप्पी साध रखी है।
कांग्रेस के विरुद्ध भाजपा को एक बड़ा मुद्दा
राष्ट्रीय स्तर पर भी कांग्रेस के विरुद्ध भाजपा को एक बड़ा मुद्दा मिल गया है। भाजपा ने इसे लेकर आक्रामक रवैया अख्तियार कर लिया है। पार्टी नेताओं का रुख देखकर यह लग रहा है कि इससे होने वाले बड़े नुकसान का अंदाजा उन्हें है।
राजनीतिक करियर बिगड़ने की आशंका
धीरज प्रसाद साहू ने दो बार चतरा लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा, लेकिन वह हार गए। वह आगामी लोकसभा चुनाव में तीसरी बार भी भाग्य आजमाना चाहते थे। हालांकि ताजा प्रकरण से उनका राजनीतिक करियर बिगड़ सकता है।
तीन बार राज्यसभा के लिए चुने गए
धीरज प्रसाद साहू तीन बार राज्यसभा के लिए चुने गए हैं। पहली बार 2009 में हुए उपचुनाव में उन्हें उच्च सदन के लिए चुना गया। इसके बाद वे 2010 और 2018 में राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए।
2.36 करोड़ रुपये का कर्ज
वर्ष 2018 में हुए राज्यसभा चुनाव में काफी कम अंतर से उन्होंने जीत हासिल की थी। उक्त चुनाव के नामांकन पत्र में उन्होंने अपने अपनी संपत्ति 34 करोड़ रुपये बताई थी। उनपर 2.36 करोड़ रुपये का कर्ज भी था।
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