MIG-21 Crash: राजस्थान मे मिग-21 क्रैश, दो पायलट शहीद !
राजस्थान के बाड़मेर जिले में गुरुवार रात इंडियन एयरफोर्स का एक लड़ाकू विमान मिग-21 क्रैश हो गया। यह हादसा रात के 9:10 बजे का बताया जा रहा है।
राजस्थान के बाड़मेर जिले में गुरुवार रात इंडियन एयरफोर्स का एक लड़ाकू विमान मिग-21 क्रैश हो गया। यह हादसा रात के 9:10 बजे का बताया जा रहा है। हादसे मे इंडियन एयरफोर्स के 2 पायलट भी शहीद हो गए हैं। हादसा तब हुआ जब यह विमान प्रशिक्षण के लिए उड़ान भर रहा था। हादसे का विडिओ सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है जिसमे विमान को क्रैश होते हुए देखा जा सकता है। मिग-21 एक टू सीटर फाइटर प्लेन है।
IAF ने हादसे की दी जानकारी
इंडियन एयर फोर्स ने बताया कि “भारतीय वायुसेना का एक ट्विन सीटर मिग-21 ट्रेनर विमान आज शाम राजस्थान के उतरलाई हवाई अड्डे से प्रशिक्षण के लिए उड़ान भर रहा था।” IAF ने आगे कहा कि “रात करीब 9:10 बजे, बाड़मेर के पास विमान दुर्घटना का शिकार हो गया। दोनों पायलटों को घातक चोटें आईं। IAF को जान गंवाने का गहरा अफसोस है और शोक संतप्त परिवारों के साथ मजबूती से खड़ा है।”
इंडियन एयर फोर्स ने अपने ऑफिसियल ट्विटर हैन्डल से ट्वीट करते हुए कहा कि “आज शाम 9:10 बजे, एक IAF मिग 21 ट्रेनर विमान एक प्रशिक्षण उड़ान के दौरान पश्चिमी क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। दोनों पायलटों को घातक चोटें आईं।”
राजनाथ सिंह ने व्यक्त किया शोक
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एयर चीफ मार्शल वी.आर.चौधरी से दुर्घटना के बाद हादसे के बारे मे बात की और हादसे की जानकारी मांगी। राजनाथ सिंह ने ट्वीट करते हुए कहा कि “हमे राजस्थान में बाड़मेर के पास भारतीय वायुसेना के मिग-21 ट्रेनर विमान दुर्घटना में दो वायु योद्धाओं के खोने से गहरा दुख है। राष्ट्र के प्रति उनकी सेवा को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं।”
Deeply anguished by the loss of two Air Warriors due to an accident of IAF’s Mig-21 trainer aircraft near Barmer in Rajasthan. Their service to the nation will never be forgotten. My thoughts are with the bereaved families in this hour of sadness. https://t.co/avKi9YoMdo
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) July 28, 2022
आपको बता दें कि मिग-21 भारत मे साल 1964 मे पहले सुपरसोनिक फाइटर जेट के तौर पर IAF मे लाया गया था। शुरुआत मे यह फाइटर जेट रूस बनाता था लेकिन बाद मे भारत ने इसे असेम्बल करने की तकनीक सीख ली।