मनीष सिसौदिया को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत, 17 महीने बाद आएगे जेल से बाहर
सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया को जमानत देते हुए कहा कि सिसोदिया को जमानत के लिए निचली अदालत भेजना न्याय का अपमान होगा.
400 से ज्यादा गवाह और हजारों दस्तावेज साक्ष्य
दिल्ली सचिवालय जा सकेंगे मनीष सिसोदिया
मनीष सिसोदिया को जब सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी. तब ईडी के वकील ने अदालत से मांग की कि पूर्व मंत्री को दिल्ली सचिवालय जाने से रोकने की शर्त को भी आधार बनाकर जमानत दिया जाए. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस अपील को साफ मना कर दिया.
बीजेपी का आप पर तंज
जमानत मिलने पर बीजेपी ने इसे न्याय प्रक्रिया का एक हिस्सा बताते हुए कहा कि इसका मतलब सिसोदिया का बरी होना नहीं है। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत कुमार गौतम ने कहा कि सिसोदिया अभी भी गुनहगार हैं और उन्हें सज़ा मिलेगी।वहीं, आम आदमी पार्टी ने इसे सत्य की जीत के रूप में देखा। पार्टी ने कहा कि दिल्ली के लोगों की दुआएं आखिरकार रंग लाई हैं और मनीष सिसोदिया जेल से बाहर आ रहे हैं। आप सांसद संजय सिंह ने इसे लोकतंत्र की जीत बताते हुए कहा कि सिसोदिया को बिना सबूत के जेल में रखा गया था और यह फैसला तानाशाही पर एक बड़ा तमाचा है।
अब, जब सिसोदिया जेल से बाहर आ रहे हैं, तो दिल्ली की राजनीति में एक नई करवट दिख रही है। हालांकि, दिल्ली शराब नीति के इस विवाद में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और सत्येंद्र जैन अभी भी जेल में हैं, और यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले चुनावों में यह सब कैसे प्रभाव डालेगा।
सिसोदिया की रिहाई निश्चित रूप से राजनीतिक पटल पर एक नया अध्याय लिखने जा रही है, और इसका असर हरियाणा, दिल्ली व महराष्ट्र सहित सभी विधानसभा चुनावों पर पड़ना तय है। बस, अब वक्त का इंतजार है कि यह कहानी किस दिशा में आगे बढ़ेगी। क्या दिल्ली शराब नीति दिल्ली की सत्ता से बाहर करती है य फिर आम आदमी अपना किला बचाने मे कामयाब रहेगी।