मनीष सिसोदिया को नहीं मिली जमानत, जेल में बिताने होंगे कुछ और दिन !
दिल्ली की आबकारी नीति मामले में तिहाड़ जेल में बंद पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को शुक्रवार को निचली अदालत से बड़ा झटका लगा। दिल्ली की...

दिल्ली की आबकारी नीति मामले में तिहाड़ जेल में बंद पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को शुक्रवार को निचली अदालत से बड़ा झटका लगा। दिल्ली की विशेष सीबीआई अदालत ने इस मामले में सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी है। मनीष सिसोदिया निचली अदालत के फैसले के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में अपील करने वाले हैं।
आबकारी मामले में सिसोदिया को सीबीआई ने 26 फरवरी को हिरासत में लिया था। सीबीआई के साथ-साथ वह प्रवर्तन निदेशालय की जांच का भी सामना कर रहे हैं। सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 5 अप्रैल को खत्म होने जा रही है।
सीबीआई की दलील से पहले पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने निचली अदालत में अपनी जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान कहा था कि उन्हें हिरासत में रखने से सीबीआई का मकसद पूरा नहीं होगा। इस मामले में सारी वसूली हो चुकी है।
इस बारे में सिसोदिया ने कहा था कि, ‘मैंने सीबीआई जांच में पूरा सहयोग किया। उसने पुकारा तो उसके समीप प्रकट हुआ। उन्होंने अपनी जमानत याचिका में यह भी हवाला दिया था कि सार्वजनिक जीवन में सक्रिय होने के कारण समाज में उनकी गहरी जड़ें हैं। इसे ध्यान में रखते हुए वह जमानत पाने के हकदार हैं।
दूसरी ओर, सीबीआई के वकील डीपी सिंह ने पिछले हफ्ते मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि अगर उन्हें जमानत मिल भी जाती है तो वह जांच को प्रभावित कर सकते हैं। उनका प्रभाव और हस्तक्षेप व्यापक है। सीबीआई ने दावा किया था कि सिसोदिया ने कहा था कि उन्होंने फोन तोड़ दिए क्योंकि वह अपग्रेड करना चाहते थे, जो सच नहीं है। दरअसल, उसने चैट खत्म करने के लिए ऐसा किया था। ऐसे में अगर उन्हें जमानत मिल जाती है तो वह सबूत मिटाने वाले हैं।
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