Maharashtra Cabinet Expantion: महाराष्ट्र में 18 मंत्रियों ने ली शपथ, दोनों पक्षों से चुने गए 9-9 विधायक !
महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री बनने के 39 दिन बाद मंगलवार को महाराष्ट्र के मंत्रिमंडल का गठन हुआ। मंत्रिमंडल विस्तार में 50-50 का फार्मूला अपनाया गया।
महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री बनने के 39 दिन बाद मंगलवार को महाराष्ट्र के मंत्रिमंडल का गठन हुआ। मंत्रिमंडल विस्तार में 50-50 का फार्मूला अपनाया गया। दोनों पक्ष से 9-9 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। जिसमे सबसे पहले भाजपा के राधाकृष्ण विखे पाटिल ने अपने मंत्री पद की शपथ ली।
शपथ लेने वाले नेताओं की सूचि !
शपथ लेने वाले नेताओं के नाम कुछ इस प्रकार हैं- भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल, राधाकृष्ण विखे पाटिल, सुधीर मुनगंटीवार, सुरेश खाड़े, गिरीश महाजन, अब्दुल सत्तार, तानाजी सावंत, दीपक केसरकर, सुहास कांडे, गुलाबराव पाटिल, अतुल सावे, रवींद्र चव्हाण, दादा भूसे और भरत गोगावाले।
नहीं मिला किसी महिला को मंत्री पद !
महाराष्ट्र में मंत्रिमंडल का गठन होने के बाद कांग्रेस पार्टी से प्रतिक्रिया देखने को मिली। पार्टी की सांसद सुप्रिया सुले ने कहा- एकनाथ शिंदे ने अपने मंत्रिमंडल में आधी आबादी यानी महिलाओं को जगह नहीं दी है। यह बहुत गलत है। वहीं आनंद दुबे ने भी किसी भी महिला को मंत्री न बनाने का मुद्दा उठाते हुए कहा, सरकार का कहना है, सब का साथ, सबका विकास, लेकिन हमारी आधी आबादी के साथ सौतेला व्यवहार करती है।
महाराष्ट्र में 10 अगस्त से शुरू होगा मानसून सत्र !
महाराष्ट्र विधानसभा का मानसून सत्र 10 से 18 अगस्त तक आयोजित किया जाएगा। विधानमंडल सचिवालय ने मानसून सत्र से पहले की तैयारियों के लिए छुट्टियां रद्द कर दी हैं। सचिवालय ने सोमवार को एक नोटिस जारी किया जिसमे लिखा था कि 9 से 18 अगस्त के बीच कर्मचारियों की सभी छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं और उन्हें कार्यालय में उपस्थित रहना होगा।
12 मंत्रियों पर दर्ज हैं आपराधिक मामले !
महाराष्ट्र कैबिनेट में 12 ऐसे मंत्री भी हैं, जिन पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से कुछ पर गंभीर धाराएं भी लगी हैं। चुनावी हलफनामे के मुताबिक, मुख्यमंत्री शिंदे पर 18 और उप मुख्यमंत्री पर 4 आपराधिक मामले दर्ज हैं।
शिवसेना के हक़ पर भी जल्द आएगा फैसला !
मंत्रिमंडल विस्तार के अलावा अब शिवसेना किसकी होगी? इसपर भी मामला तूल पकड़ सकता है। चुनाव आयोग ने सोमवार को शिंदे और उद्धव गुट को कुछ जरूरी दस्तावेज जमा करवाने को कहा था। लेकिन अभी तक सिर्फ शिंदे की तरफ से ही दस्तावेज आए हैं। पिछली सुनवाई में CJI ने चुनाव आयोग के वकील से कहा था कि दोनों पक्ष चुनाव आयोग में सोमवार तक हलफनामा दे सकते हैं। अगर कोई पक्ष समय की मांग करता है, तो आयोग उस पर विचार करे।
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