जानिए एक छात्र नेता से सीएम की कुर्सी तक सफर,योगी ने आज किया नामांकन

महत्वूपर्ण बिन्दु

  • जानिए एक छात्र नेता से सीएम की कुर्सी तक सफर
  • सीएम योगी का असली नाम, जन्मस्थान, माता पिता और शिक्षा दीक्षा
  • गोरखपुर ने बदल दिया जीवन, छात्र से बन गए महंत
  • पिता चाहते थे सरकारी नौकरी, बेटे के हाथ लगी सरकार
  • लग चुके है गंभीर आरोप
  • एक फोन कॉल ने दिला दी सीएम की कुर्सी

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योगी नामांकन का आज
आज योगी आदित्यनाथ (yogi adityanath) गोरखपुर में नामांकन का पर्चा भरा है। आने वाले समय में किसी की सरकार बनेगी यह तो 10 मार्च को आने वाले नतीजे ही बताएंगे।

बीजेपी के बड़े नेताओं में होती है गिनती

योगी आदित्यनाथ की गिनती बीजेपी के बड़े नेताओं में होती है जिनकी राजनीति में तूती बोलती है। एक बार फिर बीजेपी यूपी विधानसभा चुनाव सीएम योगी के चेहरे पर ही लड़ेगी।

सीएम योगी का असली नाम 
जिनको आप यूपी के सीएम या फिर योगी के नाम से जानते है असल में उनका नाम अजय सिंह बिष्‍ट था, लेकिन नाथ सम्प्रदाय की तरफ से दीक्षा लेने के बाद उन्होंने अपना नाम बदल कर योगी आदित्यनाथ कर लिया था।

जन्मस्थान, माता पिता और शिक्षा दीक्षा

योगी का जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखंड के पौड़ी जिला स्थित यमकेश्वर तहसील के पंचूर गांव के राजपूत परिवार में हुआ था। योगी के पिता का नाम आनंद सिंह बिष्ट और माता का नाम सावित्री देवी है।  योगी ने टिहरी में गजा के स्थानीय स्कूल में पढ़ाई की थी।

गढ़वाल के विश्वविद्यालय से गणित से योगी ने बीएससी की

ऋषिकेश के भरत मंदिर इंटर कॉलेज से इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की थी। गढ़वाल के विश्वविद्यालय से गणित से योगी ने बीएससी की फिर साल 1993 में गणित में एमएससी की पढ़ाई के लिए गोरखपुर गए।

गोरखपुर ने बदल दिया जीवन
गोरखपुर में योगी आदित्यनाथ 22 साल की उम्र में मैथ्स से एमएससी करने आए थे लेकिन पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने 1992 में राम मंदिर आंदोलन की तैयारियों को लेकर एबीवीपी की सभा में हिस्सा लिया और वहीं से उनका सारा जीवन बदल गया

छात्र से बन गए महंत

सभा में वह महंत अवैद्यनाथ से मिले। वह महंत अवैद्यनाथ से इतने ज्यादा प्रभावित हुए कि उन्होंने अपना जीवन उनके सानिध्य गुजारने का मन बना लिया। एमएससी करने करने के बाद 1994 में आदित्यानाथ  पूरी तरह से संन्यासी हो गए।

26 साल की उम्र में सबसे युवा संसद बने

1998 में महंत अवैद्यनाथ ने योगी आदित्यनाथ को अपना उत्तराधिकारी बना दिया। उन्होंने ही योगी को लोकसभा का प्रत्याशी घोषित किया। वह चुनाव जीतकर मात्र 26 साल की उम्र में संसद भवन पहुंच गए।

पिता चाहते थे सरकारी नौकरी 
आम माता पिता की तरह अजय के माता पिता भी उनके लिए एक अच्छी सरकारी नौकरी चाहते थे लेकिन ऐसा हुआ नहीं। उन्होंने राम मंदिर आंदोलन में बढ़चढ़कर हिस्सा लिया और युवाओं में अपनी पहचान बनाने में कामयाब रहे।

पांच बार सांसद रहे गोरखपुर से
1998 में योगी आदित्यनाथ पहली बार गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए थे। योगी ने सन् 1998, 99, 2004, 2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव में लगातार 5वीं जीत हासिल की थी। साल 2017 के यूपी के विधानसभा चुनाव में बीजेपी जीत के बाद योगी को मुख्यमंत्री चुना गया।

सीएम होने के साथ ही हिंदुत्व छवि के लिए भी जाने जाते है योगी 

सीएम योगी ने 2002 में अपना हिन्दू संगठन का गठन किया था। इस संगठन का नाम श्हिन्दू युवा वाहिनीश् रखा गया। यह हिन्दू युवा वाहिनी का प्रभुत्वए गोरखपुरए मऊए देवरियाए कुशीनगरए महराजगंजए बस्तीए संत कबीरनगर और सिद्धार्थनगर जिलों में ज्यादा है।

संगठन पर लग चुके है गंभीर आरोप
योगी के संगठन हिन्दू युवा वाहिनी पर कई गंभीर आरोप लग चुके हैं। पुलिस ने सन 2005 के दंगों का आरोप इस संगठन पर लगाया था। इस संगठन पर विधायक कृष्णानंदा राय की हत्या का आरोप भी लगा था। इतना ही गोरखपुर में 2007 में दंगे भड़काने का भी आरोप इसी संगठन पर लगा था।

एक फोन कॉल ने दिला दी सीएम कुर्सी
मुख्यमंत्री योगी बीबीसी इंटरव्यू में बताया कि 17 मार्च को पीएम का फोन आता है कि कहां हैं। मैंने कहा मैं तो गोरखपुर हूं तो उन्होंने कहा कि सुबह आपके लिए चार्टर प्लेन भेज रहा हूं । अगले दिन मैं उससे दिल्ली चला गया। जैसे ही गया तो उन्होंने कहा आप सीधे लखनऊ चले जाइए आपको शपथ लेनी है।  मैंने कहा कि काहे की तो उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की सीएम की।

 

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