Happy Birthday Gulshan Kumar : तो ऐसे जीरो से हीरो बने गुलशन कुमार !
अपनी आवाज और अपने भक्ति के रस से सभी को मोह लेने वाले गायक गुलशन कुमार की आज बर्थ एनिवर्सरी हैं, इस मौके में जानें उनसे जुड़ी खास बातें ...
अपने संगीत में भक्ति का रस घोलने वाले गुलशन कुमार के गाने आज भी कानो में गूंजते है चाहे वो गाना हो “मैं परदेशी हूँ” या “माता ने बुलाया हैं” जैसे तमाम गाने आज भी लोगो के ज़बान पर गुनगुनाते सुने जाते हैं। अपनी आवाज और अपने भक्ति के रस से सभी को मोह लेने वाले गायक गुलशन कुमार की आज बर्थ एनिवर्सरी हैं। आज इस मौके पर हम आपको बताएँगे उनसे जुड़ी कुछ खास बातें,
- गुलशन कुमार एक भारतीय व्यवसायी थे, 5 मई 1956 को जन्मे गुलशन ने 1980 के दशक में टी-सीरीज लेबल की स्थापना की थी।
- वे एक फल जूस विक्रेता चंद्रभान कुमार दुआ के बेटा थे, जो राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में दरियांज मोहल्ले की सड़कों पर काम किया करते थे।
- अपने सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने अपने पिता जी के साथ दुकान में बैठा करते थे वही उन्होंने दुकान के साथ साथ कैसेट्स बेचने का काम शुरू कर दिया।
- खास बात यह थी कि वो सस्ते में गानों की कैसेट्स बेचते थे। लेकिन दिल्ली में खास सफलता नहीं मिली तो मुंबई पहुंच गए और फिर क्या मुंबई में संगीत बादशाह बन गए।
- इस चमकते सितारों को 12 अगस्त 1997 को मुंबई के अंधेरी वेस्ट उपनगर जीत नगर में जीतेश्वर महादेव मंदिर के बाहर 16 बार गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
- गुलशन कुमार की हत्या के लिए मुंबई में डी-कंपनी नाम के एक अंडरवर्ल्ड संगठन को जिम्मेदार माना जाता है। बताया जाता हैं कि उनकी मौत के लिए पुलिस ने संगीतकार जोड़ी नदीम-श्रवण के फिल्म संगीतकार नदीम सैफी पर किसी निजी विवाद के चलते हत्या की कीमत चुकाने का आरोप लगाया, जिसके बाद नदीम सैफी देश छोड़कर फरार हो गया।