उम्र से पहले आँखे हो सकती है ख़राब इन बीमारियों से !
खामियाज़ा उसे बाद में भुगतना पड़ता है। इन दिनों आखो की एक बीमारी काफी ज्यादा फैली हुई है जिसको आम भाषा में आई फ्लू के नाम से भी जाना जाता है। आंखों से जुड़ी ऐसी ही एक बीमारी है जिसमें लापरवाही के चलते मरीज हमेशा के लिए आंखों की रोशनी खो बैठता है।
लोग अपनी सेहत को लेकर आज के समय में काफी लापरवाह हो चुके है जिसके चलते उन्हें अलग अलग तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ता है ना सिर्फ सेहत के साथ में बल्कि आँखे जो सबसे महत्वपूर्ण चीज होती है। उनके साथ में व्यक्ति लापरवाही बरत देता है जिसका खामियाज़ा उसे बाद में भुगतना पड़ता है। इन दिनों आखो की एक बीमारी काफी ज्यादा फैली हुई है जिसको आम भाषा में आई फ्लू के नाम से भी जाना जाता है। आंखों से जुड़ी ऐसी ही एक बीमारी है जिसमें लापरवाही के चलते मरीज हमेशा के लिए आंखों की रोशनी खो बैठता है।
बीमारी काफी ज्यादा फैली हुई है
इस बीमारी को ग्लूकोमा (glaucoma)कहते हैं। स्मोकिंग, लंबे समय तक स्क्रीन को देखने रहने और लापरवाही के चलते आजकल लोग बड़ी संख्या में ग्लूकोमा का शिकार हो रहे हैं। चलिए जानते हैं कि ग्लूकोमा की बीमारी कैसे आंखों की रोशनी छीन सकती है और इसके लक्षण क्या हैं। ग्लूकोमा दरअसल आंख से जुड़ी ऐसी समस्या है जिसमें आंख की ऑप्टिक नर्व को नुकसान पहुंचने पर आंख की रोशनी कम होने लगती है।
आंखों की रोशनी छीन सकती है ये बीमारी
आंख से जुड़ी ये ऑप्टिक नर्व हमारे ब्रेन को किसी सीन से जुड़ी सारी इन्फोरमेशन भेजती है, और इसी के जरिए हम किसी चीज को पहचानने का काम कर पाते हैं। ऐसे में अगर कुछ वजहों से ऑप्टिक नर्व पर दबाव पड़े और वो कमजोर या क्षतिग्रस्त हो जाए तो चीजें पहचानने की क्षमता कमजोर हो जाती है औऱ आंखों की रोशनी कम होने लगती है। हालांकि अब तक ग्लूकोमा के बारे में कहा जाता है कि ये ज्यादा उम्र होने यानी साठ साल के बाद के लोगों को ज्यादा होती है। लेकिन बीते कुछ सालों में ग्लूकोमा हर उम्र के लोगों और यहां तक कि बच्चों को भी अपना शिकार बनाने लगा है।
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