# पत्र का असर : अयोध्या के भूमि घोटाले में महापौर व विधायक आए लपेटे में !
सीएम योगी आदित्यनाथ ने सांसद लल्लू सिंह के पत्र को आधार बनाकर की थी एसआईटी टीम गठित, जाँच में हुए चौंकाने वाले खुलासे
अयोध्या में चल रहे भू-माफिआओं के खेल को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। कुछ ही दिन पहले सांसद लल्लू सिंह ने सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर इन सभी मामलों से अवगत कराया था।
खुलासे के लिए कार्यवाही तय कर दी
साथ ही यह भी लिखा था की कैसे जमीनों को एक केन प्रकारेण सौदा किया जा रहा है। इन सभी मामलों को लेकर उन्होंने मुख्यमंन्त्री से दरख़्वास्त किया था की पूरे मामले की एसआईटी जाँच की जाए। जिसके बाद सरकार ने भी एक्शन मोड अपनाते हुए टीम भी गठित कर मामले के खुलासे के लिए कार्यवाही तय कर दी है।
अवैध कब्जे व निर्माणों की जांच कराने को कहा
इस पूरे मामले की अगर बात की जाए तो सांसद लल्लू सिंह ने अयोध्या में चल रहे भू-माफियाओं की जमीनों की रैकी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सांसद ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर अयोध्या में जामथारा से गोलाघाट तक नजूल और सरयू नदी के जलमग्न भूमि में भू-माफियाओं द्वारा किए गए अवैध कब्जे व निर्माणों की जांच कराने को कहा है।
उनसे करोड़ों-अरबों की ठगी की गई
अपने इस “सफ़ेद पत्र” में सांसद ने लिखा है कि यहां भू-माफियाओं का इतना दबदबा है कि अधिकारियों के साथ नजूल और सबमर्ग क्षेत्र की जमीनों में हेराफेरी कर लोगों को गुमराह किया जा रहा है। अवैध तरीके से जमीन उनके नाम कर दी गई है। जो लोग शहर में रहना चाहते है, उनसे करोड़ों-अरबों की ठगी की गई है।
किन परिस्थितियों में बेचा, यह एक बड़ा सवाल
उन्होंने कहा कि जामथारा घाट से गोलाघाट तक की जमीन पर भू-माफियाओं का धंधा फल-फूल रहा है। जबकि तीन दशकों से उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा नजूल को न तो किसी प्रकार का पट्टा दिया जा रहा है और न ही पट्टे का नवीनीकरण किया जा रहा है । जलमग्न भूमि पर किसी भी प्रकार की कोई फ्री-होल्ड नहीं है। फिर भी जलमग्न इलाके में नजूल की जमीनों को भू-माफियाओं ने किन परिस्थितियों में बेचा, यह एक बड़ा सवाल है !
कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की
यही कारण है कि लोगों की ओर से स्थाई-अस्थाई निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने एसआईटी से जांच कर दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। पत्र में यह भी अनुरोध किया गया है कि अयोध्या शहर को विकसित करने के लिए विभिन्न योजनाओं में भूमि आरक्षित करना आवश्यक है। अयोध्या में जमथरा से नजूल के गोलाघाट और जलमग्न क्षेत्र में भू-माफियाओं द्वारा बेची गई जमीन में भ्रष्टाचार की जांच जरूरी है ताकि भविष्य में भू-माफियाओं पर काबू पाया जा सके।
इसमें शामिल दोषियों को सजा देती है
तो वहीं सोशल मीडिया पर भी यूजर्स इस काले कारनामे को लेकर अलग अलग प्रतिक्रियाए दे रहे है। कुछ इसे सरकार की नाँक के नीचे चले रहे गोरखधंधे का नाम दे रहे है। तो कुछ इसे भ्रष्टाचार की भेंट बता रहे है। फ़िलहाल सूबे की योगी सरकार इस पूरे प्रकरण में कैसे एक्शन लेती है। और कैसे इसमें शामिल दोषियों को सजा देती है। यह देखने वाली बात होगी।