प्रभात हत्याकांड मामले में सुप्रीम कोर्ट पहुंचे अजय टेनी, अगली सुनवाई 27 सितंबर को !

प्रभात गुप्ता हत्याकांड में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी समेत अन्य चार की जमानत खारिज करने को लेकर सुनवाई में बहस के बाद अब 27 सितंबर की तारीख तय की गई है।

प्रभात गुप्ता हत्याकांड में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी समेत अन्य चार की जमानत खारिज करने को लेकर सुनवाई में बहस के बाद अब 27 सितंबर की तारीख तय की गई है। इससे पहले हाईकोर्ट की डबल बेंच के सामने अजय मिश्रा टेनी की तरफ से वकील एलपी मिश्रा पेश हुए। सीनियर वकील एलपी मिश्रा ने हाईकोर्ट को बताया कि केस हाईकोर्ट की लखनऊ खंड पीठ से इलाहाबाद हाईकोर्ट ट्रांसफर करने की याचिका सुप्रीम कोर्ट में डाली गई है। इसलिए जब तक सुप्रीम कोर्ट इस पर अपना फैसला नहीं सुना देता तब तक यहां सुनवाई रोकनी चाहिए। बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस राजेश बिंदल ने बीते 24 अगस्त को टेनी की केस ट्रांसफर की याचिका खारिज कर दी थी।

अगली सुनवाई 27 सितंबर को !

अजय मिश्रा टेनी के वकील के तर्क के जवाब में जस्टिस रमेश सिन्हा और रेनू अग्रवाल की डबल बेंच ने कहा, यह संभव नहीं है। पूरा देश समझ रहा है, आप क्या चाहते है। डबल बेंच ने अपने आदेश में कहा कि टेनी के वकील सुप्रीम कोर्ट में पैरवी करें और फैसला लाएं। नहीं तो 27 सितंबर से पहले केस डिसाइड करवा लें। हाईकोर्ट में अब केस की अगली सुनवाई 27 सितंबर को होगी। अजय मिश्रा टेनी प्रभात हत्याकांड में मुख्य आरोपी हैं। 22 अगस्त को इस हत्याकांड में हाईकोर्ट के लखनऊ बेंच से अंतिम फैसला आना था, लेकिन मंत्री के वकील ने केस ट्रांसफर करने का एप्लिकेशन चीफ जस्टिस के यहां लगा दी थी।

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क्या लिखा था केस ट्रांसफर एप्लीकेशन में ?

एप्लिकेशन में लिखा था कि केस को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच से इलाहाबाद हाईकोर्ट में ट्रांसफर कर दिया जाए। ऐसे में जस्टिस रमेश सिन्हा और रेनू अग्रवाल की डबल बेंच ने सुनवाई की अगली तारीख 6 सितंबर दी थी। हालांकि, बीते 24 अगस्त को चीफ जस्टिस राजेश बिंदल ने मंत्री अजय मिश्र टेनी की याचिका खारिज कर दी थी। उन्होंने कहा कि ट्रांसफर करने का ग्राउंड मजबूत नहीं है।

राजीव गुप्ता ने की टेनी को जेल में रखने की मांग !

31 अगस्त को प्रभात गुप्ता हत्याकांड के अधिवक्ता राजीव गुप्ता ने एक याचिका लखनऊ हाईकोर्ट में दाखिल की थी। इसमें कहा गया था कि टेनी मुकदमे की अंतिम सुनवाई नहीं होने दे रहे हैं। इस कारण प्रभात गुप्ता हत्याकांड में न्याय नहीं हो पा रहा है। वह सुनवाई को प्रभावित कर रहे हैं, जो जमानत का दुरुपयोग है। इसलिए टेनी की जमानत रद्द करके मुकदमे की अंतिम सुनवाई तक जेल में ही रखा जाना चाहिए।

 

 

 

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