कर्नाटक के डिप्टी CM डीके शिवकुमार को आय से अधिक मामले मे सुप्रीम कोर्ट से झटका
सुप्रीम कोर्ट ने उनकी इस दलील को स्वीकार करने से इनकार कर दिया कि कथित तौर पर 74.93 करोड़ रुपये की आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में एफआईआर 'दुर्भावनापूर्ण और राजनीतिक द्वेष' के साथ दर्ज की गई थी।
कर्नाटक : डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने सीबीआई के आय से अधिक संपत्ति के मामले को रद्द करने की डीके शिवकुमार की याचिका खारिज कर दी। इस केस की सुनवाई जस्टिस बेला त्रिवेदी और सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने मामले की सुनवाई की. दरअसल अगस्त 2017 में इनकम टैक्स विभाग (IT) ने दिल्ली सहित कई जगहों पर छापेमारी की थी. इस दौरान आईटी ने 8,59,69,100 रुपये बरामद किए थे।
डिप्टी सीएम डीके के ऊपर आरोप है कि 8,59,69,100 में से 41 लाख रुपये डीके शिवकुमार से जुड़े परिसरों में मिले थे. वहीं इस पूरे मामले को लेकर बीजेपी (BJP) ने कांग्रेस पर निशाना साधा।
SC की इस बेंच ने खारिज की याचिका
दरअसल, कांग्रेस के वरिष्ट नेता एवं उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने मामले के भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत दर्ज किए जाने पर आपत्ति जताई थी। इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। जिस पर सोमवार को शीर्ष अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुए उनकी इस याचिका को खारिज कर दिया है। यह फैसला सुप्रीम कोर्ट की जज जस्टिस बेला त्रिवेदी और जस्टिस एससी शर्मा की बेंच ने दिया।
हाई कोर्ट आदेश में हस्तक्षेप को तैयार नहीं SC
सुनवाई के दौरान बेंच ने कहा कि वह कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप के लिए तैयार नहीं हैं, इसलिए शिवकुमार की याचिका को खारिज किया जाता है। गौरतलब है कि शिवकुमार सीबीआई केस रद्द करवाने के लिए कर्नाटक हाईकोर्ट का सबसे पहले दरवाजा खटखटाया था। उच्च न्यायालय ने उनकी इस याचिका को खारिज कर दिया था। कोर्ट ने सीबीआई से इस मामले में अपनी पूरी जांच तीन महीने के अंदर सौंपने का आदेश दिया था। जिसके बाद शिवकुमार हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन उन्हें आज यहां से भी निराशा हाथ लगी।
सीबीआई के ये हैं आरोप ?
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि डी. के. शिवकुमार ने 2013 से 2018 के दौरान मंत्री रहते हुए घोषित स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित की है। सीबीआई ने 3 सितंबर, 2020 को एफआईआर दर्ज की थी। डी. के. शिवकुमार ने 2021 में एफआईआर को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।
बीजेपी ने क्या कहा?
बीजेपी नेता शहजाद पूनावाला ने कहा कि ये भ्रष्टचारी दल कांग्रेस के लिए बड़ा झटका है. क्या अब कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट पर निशाना साधते हुए कहेगी कि लोकतंत्र खतरे में है? आईएनसी का मतलब इंडियन नेशनल कांग्रेस नहीं बल्कि आई नीड करप्शन है।
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