Lucknow: आयुर्वेद और यूनानी कॉलेजों में प्रवेश में बड़े घोटाले की जांच शुरू !
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजधानी लखनऊ में आयुर्वेद और यूनानी कॉलेजों (Ayurveda and Unani Colleges in Lucknow) में प्रवेश में बड़े घोटाले का खुलासा होने के बाद हड़कम्प मच गया है।
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजधानी लखनऊ में आयुर्वेद और यूनानी कॉलेजों (Ayurveda and Unani Colleges in Lucknow) में प्रवेश में बड़े घोटाले का खुलासा होने के बाद हड़कम्प मच गया है। Special Task Force (STF) ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। यदि विभागीय अधिकारियों और रसूखदारों से जुड़े कॉलेजों और काउंसलिंग का ठेका लेने वाली एजेंसियों की ठीक ढंग से जांच होगी तो प्रदेश में बड़े रैकेट का भंडाफोड़ हो सकता है। काउंसलिंग में सबसे पहले इसी कॉकस से जुड़े कॉलेजों को भरा जाता है।
यूनानी कॉलेजों में घोटाले का हुआ खुलासा
आयुष विभाग में एडमिशन माफिया का एक बड़ा कॉकस सक्रिय है। इस कॉकस में एजेंटों से लेकर कॉलेज संचालक, निदेशालय और शासन के कुछ अधिकारी और कर्मचारी व नोडल एजेंसी के लोग शामिल हैं। यही कारण है कि रिकार्ड के साथ छेड़छाड़ आसानी से कर के बड़े पैमाने पर नियम विरुद्ध दाखिले विभिन्न आयुर्वेद और यूनानी कॉलेजों में करा दिए गए।
- होम्योपैथी कॉलेजों में भी गड़बड़ी से इंकार नहीं किया जा सकता।
- इस साल का खेल खुल गया है, मगर गड़बड़ी का यह सिलसिला काफी समय से चल रहा है।
- इस रैकेट में आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथी के साथ ही फार्मेसी, बीफार्मा और डीफार्मा कोर्स चलाने वाले भी शामिल हैं।
काउंसलिंग के दौरान दी वरीयता
काउंसलिंग के दौरान कॉकस में शामिल कॉलेजों को ही वरीयता दी जाती है। वहां की सीटें पहले भरवा दी जाती हैं। प्रवेश लेने वालों को फंसा कर लाने के लिए एजेंटों का जाल बिछा रखा है। ठेके पर काउंसलिंग कराने वाली एजेंसी की मदद से सीटें बेच दी जाती हैं। जो कॉलेज इस रैकेट का हिस्सा नहीं हैं, उनके यहां सीटें खाली रह जाती हैं।
महत्वपूर्ण जानकारियां
- आयुष विभाग में ठेके पर काउंसलिंग कराए जाने में बड़े खेल का खुलासा हुआ है।
- अभी तक 891 ऐसे संदिग्ध केस सामने आ चुके हैं।
- जिसमें बिना नीट (नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट) दिए ही बीएएमएस, बीयूएमएस में प्रवेश दे दिए गए।
- बीएचएमएस में भी ऐसे फर्जी मामले होने से इंकार नहीं किया जा सकता है।
- क्योंकि आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथी की काउंसलिंग कराने का जिम्मा एक ही नोडल एजेंसी के पास था।
- लखनऊ में राजकीय आयुर्वेद कॉलेज में छह छात्रों को भेद खुलने पर निष्कासित भी किया जा चुका है।
- पूरे प्रदेश में जांच होने पर फर्जीवाड़े वाली सीटों की संख्या और भी बढ़ सकती है।
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