Politics: असदुद्दीन ओवैसी बोले- देश में कमजोर प्रधानमंत्री की जरूरत, बताई यह वजह !
AIMIM के प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी का एक बयान सामने आ रहा है। उन्होंने कहा है कि वह देश में कमजोर प्रधानमंत्री और खिचड़ी सरकार चाहते हैं।
AIMIM के प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी का एक बयान सामने आ रहा है। उन्होंने कहा है कि वह देश में कमजोर प्रधानमंत्री और खिचड़ी सरकार चाहते हैं। विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर गुजरात पहुंचे ओवैसी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि देश को कमजोर प्रधानमंत्री और खिचड़ी सरकार की जरूरत है। उन्होंने इस दौरान AAP और भाजपा को एक जैसा बताया।
ओवैसी बोले- अब कमजोर पीएम चाहिए !
असदुद्दीन ओवैसी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, चीन हमारी जमीन पर बैठा है तो प्रधानमंत्री जवाब नहीं देते। जब पूछते हैं कि उद्योगपतियों का कर्ज क्यों माफ कर दिया गया तो वह कहते हैं कि सिस्टम मुझे काम नहीं करने देता। उनके पास 300 से ज्यादा सांसद हैं। उन्होंने कहा पंडित नेहरू के बाद दूसरी बार यदि कोई पावरफुल पीएम है तो वह मोदी हैं, उसके बाद भी वह सिस्टम की बात करते हैं। इसलिए मेरा मानना है कि देश में कमजोर प्रधानमंत्री की जरूरत है। ताकतवर तो देख लिए, अब कमजोर चाहिए, ताकि वह कमजोरों की मदद कर सके। ताकतवर ताकतवर की मदद कर रहा है। वह कमजोर को तो देख ही नहीं रहा। उन्होंने कहा, मैं चाहता हूं कि देश में खिचड़ी सरकार बने क्योकिं हैदराबाद, गुजरात और उत्तर प्रदेश की खिचड़ी मुख़्तलिफ़ होती है।
नीतीश की दावेदारी पर दी अपनी राय !
ओवैसी ने 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर नीतीश की दावेदारी पर भी अपनी राय दी। उन्होंने कहा कि अगर चेहरों से मुकाबला करें तो नरेंद्र मोदी का तो भाजपा को फायदा हो सकता है। इसकी बजाय जितनी भी लोकसभा की सीटें हैं उन पर हम सबको भाजपा से मुकाबला करने की जरूरत है। ओवैसी ने कहा, 2022 गुजरात दंगों के दौरान नीतीश कुमार भाजपा के साथ थे।
AAP और BJP एक जैसे !
ओवैसी ने अरविंद केजरीवाल पर किए गए एक सवाल के जवाब में कहा, AAP और भाजपा में कोई फर्क नहीं है। चुनाव के वक्त आरोप-प्रत्यारोप होता है। जनता होशियार है। ये लोग वादे कर रहे हैं पर जनता इन्हे अपना फैसला सुनाएगी। बता दें कि आमतौर पर कांग्रेस और भाजपा के बीच मुकाबले वाले राज्य में इस बार AAP और AIMIM ने भी विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की है और इन दो पार्टियों की एंट्री ने चुनाव को बेहद दिलचस्प बना दिया है।